नई दिल्ली, 24 अप्रैल
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा पूछताछ के दौरान, जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने 15 अप्रैल को प्रयागराज में अतीक और अशरफ अहमद की हत्याओं से कोई संबंध होने से इनकार किया।
गैंगस्टर से राजनेता बने और उसके भाई की हत्या के तीन आरोपियों में से एक सनी ने दावा किया कि बिश्नोई उनके आदर्श थे।
एनआईए के एक सूत्र ने कहा कि जांच एजेंसी ने तीन आरोपी पुरुषों द्वारा इस्तेमाल किए गए हथियारों के बारे में बिश्नोई से पूछताछ की।
“हत्यारों ने अतीक और अशरफ को खत्म करने के लिए तुर्की निर्मित जिगाना पिस्तौल का इस्तेमाल किया। यह वही हथियार था जिसका इस्तेमाल पंजाबी गायक सिद्धू सिंह मूसेवाला को मारने के लिए किया गया था। इसलिए हमने उनसे (बिश्नोई) पूछताछ की। फिलहाल, उसने अतीक-अशरफ हत्याकांड से जुड़े होने से इनकार किया है।”
सूत्र ने आगे कहा कि गैंगस्टर सुंदर भाटी का भी बिश्नोई से संबंध है और वे इस कोण को भी देख रहे थे।
पिछले साल एनआईए ने तीन अलग-अलग प्राथमिकी (एफआईआर संख्या 37, 38, 39) दर्ज की थी।
प्राथमिकी संख्या 37 में, उन्होंने विदेशों में स्थित खालिस्तानी समर्थकों के बारे में उल्लेख किया था जो भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने और देश में अशांति पैदा करने की साजिश रच रहे थे।
बंबइया गिरोह के खिलाफ प्राथमिकी संख्या 38 दर्ज की गई थी जिसमें नीरज बवाना, कौशल चौधरी और अन्य को आरोपी बनाया गया था।
बिश्नोई, कला जठेड़ी, काला राणा और उनके सहयोगियों के खिलाफ प्राथमिकी संख्या 39 दर्ज की गई थी।
पिछले हफ्ते, प्राथमिकी संख्या 37 के संबंध में बिश्नोई को एनआईए अदालत में पेश किया गया था।
एजेंसी ने पहले इस मामले में एक दीपक को पकड़ा था। दीपक बिश्नोई के संपर्क में था।
एनआईए सूत्रों के मुताबिक, गैंगस्टरों ने अखिल भारतीय नेटवर्क बनाकर अपने अपराध सिंडिकेट को सुचारू रूप से चलाने के लिए दो ‘महागठबंधन’ बनाए हैं।
‘महागठबंधन’ में ग्रुप ए नीरज बवाना का है।\
सूत्रों ने कहा, “नीरज बवाना के महागठबंधन में सौरभ उर्फ गौरव, सुवेघ सिंह उर्फ सिब्बू, सुभम बलियान, राकेश उर्फ राका, इरफान उर्फ छेनू, रवि गंगवाल और रोहित चौधरी और दविंदर बंबीहा गैंग हैं।”
बिश्नोई के ‘गठबंधन’ (टीम बी) में संदीप उर्फ काला जतेहड़ी, कपिल सांगवान उर्फ नंदू, रोहित मोई, दीपक बॉक्सर, प्रिंस तेवतिया, राजेश बवानिया और अशोक प्रधान हैं.
इन दोनों महागठबंधन ने कई राज्यों में तबाही तो मचाई है, साथ ही गैंगवार भी की है.
सूत्रों के अनुसार दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान से संचालित होने वाले गैंगस्टर उत्तर प्रदेश पुलिस से डरते हैं और वहां कोई आपराधिक गतिविधि नहीं करना चाहते हैं.