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आईआईटी कानपुर के निदेशक बोले : भारतीय संस्थान वैश्विक रैंकिंग में तेजी से सुधार कर रहे हैं

IIT Kanpur director said: Indian institutions are improving rapidly in global rankings

कानपुर, 23 जून । भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर के निदेशक प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि भारतीय शैक्षणिक संस्थान वैश्विक रैंकिंग में तेजी से प्रगति कर रहे हैं।

उन्होंने क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में आईआईटी कानपुर की बेहतर रैंकिंग का श्रेय संस्थान के शिक्षकों और शोधकर्ताओं के योगदान को दिया।

प्रो. अग्रवाल ने कहा, “हमारी रैंकिंग में काफी सुधार हुआ है। हमारा लक्ष्य है कि इसे और बेहतर किया जाए।”

उन्होंने बताया कि 2014 में जहां केवल 11 भारतीय संस्थान वैश्विक रैंकिंग में शामिल थे, वहीं अब यह संख्या बढ़कर 54 हो गई है। इस प्रगति का कारण सभी संस्थानों में रैंकिंग के प्रति जागरूकता और बेहतर प्रदर्शन के लिए किए जा रहे प्रयास हैं।

प्रो. अग्रवाल ने कहा कि आईआईटी दिल्ली ने टॉप 125 में जगह बनाई है, जबकि आईआईटी बॉम्बे भी शीर्ष रैंकिंग में है। उन्होंने भरोसा जताया कि थोड़े और प्रयास से भारतीय संस्थान टॉप 100 में शामिल हो सकते हैं।

हालांकि, प्रो. अग्रवाल ने माना कि भारत अभी वैश्विक उच्च शिक्षा हब बनने की दिशा में पूरी तरह तैयार नहीं है।

उन्होंने कहा, “हमारे शीर्ष संस्थानों में अभी मुख्य रूप से भारतीय छात्र ही दाखिला लेते हैं। ऐसा नहीं है कि विदेशी छात्र आना नहीं चाहते। लेकिन, हमारी नीतियां अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए दाखिले को सीमित करती हैं।”

उन्होंने अंतरराष्ट्रीय फैकल्टी, शोध प्रकाशन और वैश्विक छवि को बेहतर करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत किए जा रहे प्रयासों का भी जिक्र किया।

रैंकिंग के फंडिंग और वैश्विक साझेदारी पर प्रभाव के सवाल पर प्रो. अग्रवाल ने कहा कि भारत में फंडिंग एजेंसियां क्यूएस जैसी अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग की बजाय राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) को अधिक महत्व देती हैं। इसलिए, क्यूएस रैंकिंग का फंडिंग पर सीमित प्रभाव पड़ता है। फिर भी, वैश्विक रैंकिंग संस्थानों की प्रतिष्ठा बढ़ाने में मदद करती है।

प्रो. अग्रवाल ने जोर देकर कहा कि भारतीय संस्थान अपनी शोध गुणवत्ता और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर ध्यान दे रहे हैं, जिससे भविष्य में वैश्विक स्तर पर और बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।

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