इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने राज्य के मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में एमबीबीएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए पंजाब सरकार की नई नीति को तत्काल वापस लेने की मांग की है, जिसके तहत छात्रों के लिए 20 लाख रुपये का सेवा बांड और संपत्ति के रूप में जमानत जमा करना अनिवार्य कर दिया गया है।
सत्र 2025-26 के लिए चल रही प्रवेश प्रक्रिया के दौरान, अभिभावकों को कम से कम 20 लाख रुपये मूल्य की दो संपत्तियां या जमीन गिरवी रखना अनिवार्य किया गया है।
नीति को प्रतिगामी और दंडात्मक बताते हुए आईएमए की पंजाब शाखा ने कहा कि इस नीति ने माता-पिता, विशेषकर आर्थिक रूप से वंचित पृष्ठभूमि वाले लोगों के लिए भारी वित्तीय और मानसिक संकट पैदा कर दिया है।
एसोसिएशन ने कहा कि बांड और जमानत की शर्तें छात्रों को राज्य के कॉलेजों में प्रवेश लेने से हतोत्साहित करेंगी और इसके परिणामस्वरूप प्रतिभा पलायन होगा। उन्होंने नीति को तत्काल और बिना शर्त वापस लेने की मांग की।