महाराष्ट्र के ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष इम्तियाज जलील ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने को लेकर सोमवार को भाजपा पर निशाना साधा।
एआईएमआईएम नेता इम्तियाज जलील ने छत्रपती संभाजी नगर में आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि मौजूदा सरकार विभिन्न राज्यों में यूसीसी लागू कर रही है, क्योंकि अब दिल्ली में चुनाव है। उन्होंने कहा कि दिल्ली चुनाव में भाजपा के पास कोई मुद्दे नहीं है, इसलिए इस तरह के मुद्दों को हवा दे रही है और एक धर्म को टारगेट किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि देश में विभिन्न मुद्दे हैं, उनसे लोगों का ध्यान हटाने के लिए इस तरह का मुद्दा सामने लाया जा रहा है। देश में विभिन्न जाति और धर्म के लोग रहते हैं, उन्हें किस तरह अलग किया जाए यही सरकार चाहती है।
सैफ अली खान के मुद्दे पर बात करते हुए इम्तियाज जलील ने कहा है कि नीतीश राणे अब राज्य के मंत्री बन गए हैं, उन्हें इस तरह के बयान नहीं देना चाहिए। साथ ही उन्होंने नीतीश राणे पर सवाल उठाया है कि आप मंत्री बन गए हैं, अब आप पुलिस से इसका जवाब पूछिए। इम्तियाज जलील ने कहा है कि अभिनेता का कोई जात और धर्म नहीं होता है, लेकिन उन्हें टारगेट किया जा रहा है।
बता दें कि सोमवार को उत्तराखंड में यूसीसी लागू हो गया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी (समान नागरिक संहिता) पोर्टल और नियम को सोमवार को लॉन्च किया। उन्होंने कहा कि आज उत्तराखंड में यूसीसी लागू करके हम संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
बता दें कि उत्तराखंड में यूसीसी के लागू होने के बाद एक तरफ विपक्ष जहां सवाल उठा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर एनडीए के सहयोगी दल यूसीसी के समर्थन में आवाज बुलंद कर रहे हैं। शिवसेना नेता मनीषा कायंदे ने भी इस विधेयक की प्रशंसा करते हुए कहा कि उत्तराखंड की तरह यूसीसी महाराष्ट्र में भी लागू होना चाहिए।
शिवसेना नेता मनीषा कायंदे ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “शिवसेना का हमेशा से यूसीसी का समर्थन किया है और आगे भी करते रहेंगे। हमारे देश में बांग्लादेशियों की गतिविधियां काफी बढ़ गई है। इसलिए यूसीसी को लाना बहुत जरूरी है। मैं मानती हूं कि उत्तराखंड के लिए आज बहुत बड़ा दिन है। क्योंकि, देश में अगर किसी पर अन्याय हो रहा है तो इसके आने से वह दूर हो सकता है। मुझे लगता है कि महाराष्ट्र में भी यूसीसी लागू होना चाहिए।”
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