N1Live Himachal विधानसभा सत्र में: हिमाचल के सीएम ने कहा, भाजपा सरकार ने राज्य के हितों की अनदेखी कर परियोजनाओं के लिए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए
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विधानसभा सत्र में: हिमाचल के सीएम ने कहा, भाजपा सरकार ने राज्य के हितों की अनदेखी कर परियोजनाओं के लिए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए

In Assembly session: Himachal CM said, BJP government signed MoUs for projects ignoring the interests of the state

शिमला, 29 अगस्त मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर जलविद्युत एवं अन्य परियोजनाओं के लिए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करते समय राज्य के हितों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया।

आज विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में सुक्खू ने कहा कि उनकी सरकार ने अनिच्छा से ही सही, बल्क ड्रग पार्क को आगे बढ़ाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, “पिछली भाजपा सरकार ने राज्य के हितों के खिलाफ धौलासिद्ध, लुहरी और सुन्नी जल विद्युत परियोजनाओं के लिए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए थे। हमने राज्य के हित में अपने संसाधनों से बल्क ड्रग पावर को क्रियान्वित करने का फैसला किया है।”

ऊना में बल्क ड्रग पार्क पर शाहपुर विधायक केवल पठानिया के सवाल का जवाब देते हुए उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि बोली में 13 राज्यों ने हिस्सा लिया था और बल्क ड्रग पार्क हिमाचल को दिया गया। मंत्री ने कहा, “हालांकि अल्पावधि में हिमाचल को नुकसान होगा, लेकिन दीर्घावधि में जीएसटी और अन्य करों के मामले में राज्य को लाभ होगा।”

विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया बुधवार को सदन में मानसून सत्र की कार्यवाही का संचालन करते हुए। ट्रिब्यून फोटो
चौहान ने कहा कि निवेशकों को दी जाने वाली सब्सिडी वाली पानी, बिजली और अन्य रियायतें केवल 10 साल की अवधि के लिए होंगी, जिसके बाद बाजार दर पर शुल्क लिया जाएगा। उन्होंने कहा, “भारत सरकार द्वारा निर्धारित 1923 करोड़ रुपये की बल्क ड्रग पार्क परियोजना के पूरा होने का लक्ष्य 31 मार्च, 2026 है और हम इस समय सीमा को पूरा करने के लिए आक्रामक रूप से काम कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि अनिवार्य दिशा-निर्देशों का पूरी पारदर्शिता के साथ पालन किया जाएगा और कल ही मुख्यमंत्री ने इस परियोजना के लिए 50 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। उन्होंने कहा कि यूएई और मुंबई में प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं और 12 जुलाई, 2024 को मंत्रिमंडल ने इस परियोजना के लिए केंद्रीय वित्त पोषण पर निर्भर रहने के बजाय अपने स्वयं के खजाने से 1,074.55 करोड़ रुपये प्रदान करने का निर्णय लिया है।

विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बदौलत ही संभव हुआ है कि हिमाचल को यह प्रतिष्ठित परियोजना मिली है, जिससे राज्य को आवश्यक राजस्व प्राप्त होगा।

स्कूलों के विलय पर विपिन परमार के प्रश्न का उत्तर देते हुए शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि समय की मांग स्कूलों या अन्य सरकारी संस्थानों के विस्तार के बजाय गुणात्मक सुधार की है।

उन्होंने कहा कि हिमाचल में सरकारी स्कूलों में नामांकन में भारी गिरावट आई है। उन्होंने कहा, “एक समय हिमाचल देश में शिक्षा के क्षेत्र में शीर्ष पर था, लेकिन 2021 में हम 21वें स्थान पर पहुंच गए हैं, जहां कक्षा 8 के छात्रों का सीखने का स्तर कक्षा 2 के बराबर है। हम सभी को इस प्रवृत्ति को समाप्त करने के लिए राजनीतिक विचारों से ऊपर उठना चाहिए क्योंकि संस्थान खोलने से चुनाव जीतने में मदद नहीं मिलती है।”

भरमौर के विधायक जनक राज के प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्रिमंडल उप-समिति की रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद सरकार पात्र व्यक्तियों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने के मुद्दे पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी।

जय राम ठाकुर ने कहा कि भाजपा शासन के दौरान 4500 से अधिक लोगों को अनुकंपा के आधार पर नौकरियां दी गईं, जबकि कांग्रेस शासन के दौरान केवल 180 लोगों को ही नौकरियां दी गईं।

अनुकंपा के आधार पर नौकरियाँ मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्रिमंडलीय उप-समिति की रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद सरकार पात्र व्यक्तियों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने के मुद्दे पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी। जय राम ठाकुर ने कहा कि भाजपा शासन के दौरान 4500 से अधिक लोगों को अनुकंपा के आधार पर नौकरियां दी गईं, जबकि कांग्रेस शासन के दौरान केवल 180 लोगों को ही नौकरियां दी गईं। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि समय की मांग स्कूलों या अन्य सरकारी संस्थानों के विस्तार की बजाय गुणात्मक सुधार की है।

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