लखनऊ, 15 फरवरी । प्रयागराज में 13 जनवरी से जारी दिव्य-भव्य धार्मिक, सांस्कृतिक समागम ‘महाकुंभ 2025’ अब इतिहास रच चुका है। महाकुंभ में अब तक 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाकर धार्मिक और सांस्कृतिक एकता की अद्वितीय मिसाल कायम की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ में 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने पर प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने कहा कि 50 करोड़ से अधिक नागरिकों द्वारा संगम में पवित्र स्नान उत्कृष्ट मानवीय मूल्यों की श्रेष्ठतम अभिव्यक्ति महान सनातन के प्रति दृढ़ होती आस्था का परिचायक है। वास्तविक अर्थों में भारत की लोक आस्था का यह अमृतकाल है।
सीएम योगी ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”भारत की आध्यात्मिकता, एकात्मता, समता और समरसता के जीवंत प्रतीक महाकुंभ 2025, प्रयागराज में अब तक पावन त्रिवेणी में 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। भारत की कुल जनसंख्या में 110 करोड़ नागरिक सनातन धर्मावलंबी हैं और उसमें से 50 करोड़ से अधिक नागरिकों द्वारा संगम में पवित्र स्नान उत्कृष्ट मानवीय मूल्यों की श्रेष्ठतम अभिव्यक्ति महान सनातन के प्रति दृढ़ होती आस्था का परिचायक है। वास्तविक अर्थों में भारत की लोक आस्था का यह अमृतकाल है।”
उन्होंने आगे लिखा, ”एकता और आस्था के इस ‘महायज्ञ’ में पवित्र स्नान का पुण्य लाभ प्राप्त करने वाले सभी पूज्य साधु-संतों, धर्माचार्यों, कल्पवासियों एवं श्रद्धालुओं का हार्दिक अभिनंदन। मानवता के इस महोत्सव के सकुशल आयोजन में सहभागी महाकुंभ मेला प्रशासन, स्थानीय प्रशासन, पुलिस प्रशासन, स्वच्छताकर्मियों, स्वयंसेवी संगठनों एवं धार्मिक संस्थाओं, नाविकों तथा महाकुंभ से जुड़े केंद्र व प्रदेश सरकार के सभी विभागों को हृदय से साधुवाद तथा प्रदेश वासियों को बधाई। भगवान तीर्थराज प्रयाग सभी की मनोकामना पूर्ण करें।”
यदि अब तक के कुल स्नानार्थियों की संख्या का विश्लेषण करें तो सर्वाधिक 8 करोड़ श्रद्धालुओं ने मौनी अमावस्या पर स्नान किया था, जबकि 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति के अवसर पर अमृत स्नान किया था।
1 फरवरी और 30 जनवरी को 2-2 करोड़ के पार और पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़ श्रद्धालुओं ने पुण्य डुबकी लगाई, इसके अलावा बसंत पंचमी पर 2.57 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाई थी। माघी पूर्णिमा के महत्वपूर्ण स्नान पर्व पर भी 2 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में पावन स्नान किया था।
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