बुधवार को कुल्लू में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग की मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब (फूड सेफ्टी ऑन व्हील) के माध्यम से 138 नमूनों की जांच की गई। कुल्लू खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने कहा, “खाद्य सुरक्षा नियमों का पालन न करने वाले दुकानदारों को सख्त हिदायत दी गई और उचित कार्रवाई की गई।”
विभिन्न खाद्य पदार्थों और मिठाइयों के 13 प्रवर्तन नमूने भी परीक्षण के लिए प्रयोगशाला भेजे गए।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी त्यौहारी सीजन के मद्देनजर खाद्य पदार्थों और मिठाइयों का निरीक्षण कर रहे हैं और नमूने ले रहे हैं। वे लोगों को खाद्य सुरक्षा के बारे में जागरूक भी कर रहे हैं। निवासियों ने इस कदम की सराहना की, खासकर तब जब दिवाली से पहले मिठाइयों के उत्पादन में हानिकारक सामग्री के इस्तेमाल की खबरें आ रही थीं।
कुल्लू निवासी अनिल ने कहा कि दिवाली के दौरान बिकने वाली अधिकांश मिठाइयां पड़ोसी राज्यों से आती हैं और उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए विभाग द्वारा कड़ी निगरानी जरूरी है। स्थानीय निवासी राकेश ने बताया कि दशहरा मेले में बड़ी संख्या में खाने-पीने की दुकानें लगी हैं। उन्होंने कहा कि विभाग को इन दुकानों की साफ-सफाई और मानकों की नियमित जांच करनी चाहिए।
एक अन्य स्थानीय निवासी नेहा ने बताया कि उसने कुल्लू शहर के अखाड़ा बाजार क्षेत्र में स्थित एक प्रसिद्ध रेस्तरां से ‘राज कचौरी’ का ऑर्डर दिया था, जिसमें उसे एक मरा हुआ तिलचट्टा मिला।
उन्होंने कहा, “संबंधित विभाग को उपभोक्ताओं में जागरूकता फैलानी चाहिए और हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध कराने चाहिए, जहां मामले की तुरंत रिपोर्ट की जा सके। मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य से जुड़ी ऐसी गलतियों पर तत्काल कार्रवाई के लिए एक अच्छा विकल्प है।”
भुंतर निवासी विजय ने आरोप लगाया कि हाल ही में भुंतर में एक उपभोक्ता को दाल में पका हुआ चूहा मिला था, लेकिन रेस्तरां पर बहुत कम कार्रवाई की गई, वह भी तब जब घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
उन्होंने कहा, “उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य को दांव पर लगाने वाले ऐसे उल्लंघनकर्ताओं पर सख्त कानून लागू किए जाने चाहिए, ताकि वे अपनी गलतियां न दोहराएं और अन्य लोगों को भी सबक मिले।”