एपीजी शिमला विश्वविद्यालय ने मैक्स अस्पताल, मोहाली के सहयोग से आज यहां हृदय एवं मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया।
इस कार्यक्रम का संचालन प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक पुरी और उनकी टीम ने किया, जिन्होंने हृदय रोग के बढ़ते मामलों, मानसिक तनाव और उनके निवारक उपायों के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान की। विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों ने अपने हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए बड़ी संख्या में भाग लिया।
अपने संबोधन में डॉ. पुरी ने इस बात पर जोर दिया कि हृदय रोग केवल धूम्रपान या शराब के सेवन से ही नहीं होता, बल्कि जीवनशैली में बदलाव, अस्वास्थ्यकर खान-पान की आदतों और बढ़ते तनाव से भी इसका संबंध है। उन्होंने हृदय रोगों को रोकने के लिए शुरुआती जागरूकता, नियमित चिकित्सा जांच और जीवनशैली में बदलाव के महत्व पर प्रकाश डाला।
उन्होंने यह भी बताया कि गर्भावस्था के दौरान अनुचित दवा या शराब के सेवन जैसे कारकों के कारण बच्चों में जन्मजात हृदय रोग हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि अनियमित जीवनशैली और बढ़ते तनाव के कारण विदेशों की तुलना में भारत में हृदय रोगों का प्रचलन अधिक है।
कार्यशाला का समापन एक संवादात्मक सत्र के साथ हुआ, जहाँ छात्रों और शिक्षकों ने हृदय रोगों और मानसिक तनाव प्रबंधन से संबंधित अपनी शंकाओं को दूर किया। डॉ. पुरी ने भविष्य में गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों से बचने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के महत्व पर जोर दिया।
इस अवसर पर एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सुमन विक्रांत, प्रो-कुलपति रमेश चौहान, कुलपति आरएस चौहान और अन्य भी उपस्थित थे।
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