October 17, 2025
National

भारत और मिस्र वैश्विक दक्षिण की प्रगति के लिए प्रतिबद्ध : विदेश मंत्री जयशंकर

India and Egypt committed to progress of global South: External Affairs Minister Jaishankar

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को बताया कि भारत और मिस्र वैश्विक दक्षिण की प्रगति के लिए प्रतिबद्धता साझा करते हैं।

विदेश मंत्री जयशंकर ने प्रथम भारत-मिस्र रणनीतिक वार्ता में अपने उद्घाटन भाषण में कहा, “भारत और मिस्र वैश्विक दक्षिण की प्रगति और विश्व मामलों में राष्ट्रों की स्वतंत्रता एवं चयन की स्वतंत्रता को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह एकजुटता निश्चित रूप से आज हमारी चर्चाओं का मार्गदर्शन करेगी।”

उन्होंने मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलती का दो दिवसीय भारत दौरे पर स्वागत भी किया। विदेश मंत्री के रूप में अब्देलती की यह पहली भारत यात्रा है। जयशंकर ने बताया कि पहली भारत-मिस्र रणनीतिक वार्ता द्विपक्षीय संबंधों में एक मील का पत्थर है, जिसमें 2023 में रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक संबंधों के बेहतर होने के बाद से विभिन्न क्षेत्रों में गहन सहयोग देखा गया है।

विदेश मंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “हमारे राजनीतिक संपर्क और समन्वय बहुपक्षीय संबंधों सहित मजबूत और निरंतर रहे हैं। हमारे रक्षा और सुरक्षा आदान-प्रदान बढ़े हैं। व्यापार और निवेश आशाजनक बने हुए हैं और हम इस पर चर्चा करेंगे कि इन्हें कैसे आगे बढ़ाया जाए। हम डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, फिनटेक, फार्मा, अंतरिक्ष, स्टार्टअप और हरित प्रौद्योगिकियों में संभावनाओं का पता लगा सकते हैं। दो प्राचीन सभ्यताओं के अनुरूप, संस्कृति और लोगों के बीच आदान-प्रदान भी हमारे संबंधों में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।”

उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच लंबे समय की मित्रता को ध्यान में रखते हुए, यह स्वाभाविक ही था कि मिस्र जून 2025 में इस क्षेत्र से भारतीय नागरिकों को निकालने में भारत की सहायता करे।

उन्होंने कहा, “पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद आपकी सरकार और आपने व्यक्तिगत रूप से जो एकजुटता दिखाई, उसके लिए मैं आपकी गहरी सराहना व्यक्त करना चाहता हूं। उस समय प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति सिसी ने एक-दूसरे से बात की थी। हमने उस गर्मजोशी भरे स्वागत को भी देखा जो आपने उसके बाद मिस्र का दौरा करने वाले बहुदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का किया था।”

विदेश मंत्री जयशंकर ने जोर देकर कहा कि यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब अंतर्राष्ट्रीय स्थिति ‘जटिल और अस्थिर’ है।

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