N1Live National वक्फ संशोधन विधेयक को भारतीय कैथोलिक बिशप्स सम्मेलन का भी समर्थन, नकवी बोले – बिल समय की आवश्यकता
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वक्फ संशोधन विधेयक को भारतीय कैथोलिक बिशप्स सम्मेलन का भी समर्थन, नकवी बोले – बिल समय की आवश्यकता

Indian Catholic Bishops Conference also supports Wakf Amendment Bill, Naqvi said - Bill is the need of the hour

केरल कैथोलिक बिशप्स काउंसिल (केसीबीसी) के बाद अब भारतीय कैथोलिक बिशप्स सम्मेलन (सीबीसीआई) ने भी वक्फ संशोधन विधेयक को समर्थन दिया है। इस विधेयक पर बयान देते हुए भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि यह विधेयक समय की आवश्यकता है और इसका उद्देश्य समाज एवं देश के हितों की रक्षा करना है।

उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग इस सुधार को सांप्रदायिक रंग देकर भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन यह विधेयक किसी भी समुदाय, क्षेत्र या नागरिक के खिलाफ नहीं है।नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्पष्ट दृष्टिकोण समाज के हर वर्ग को सशक्त बनाने का है और उनकी सरकार सुधार और परिवर्तन के जरिए सभी को समान अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने यह भी कहा कि कुछ ताकतें इस विधेयक को लेकर नकारात्मक प्रचार कर रही हैं और इसे सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन उनकी यह साजिश सफल नहीं होगी।

इससे पहले केरल कैथोलिक बिशप्स काउंसिल (केसीबीसी) ने केरल के सभी सांसदों से वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करने की अपील की थी। काउंसिल ने कहा कि यह विधेयक पारित होना मुन्नंबम भूमि विवाद में न्याय दिलाने के लिए आवश्यक है।

केसीबीसी के अध्यक्ष कार्डिनल बेसिलियोस क्लीमिस कैथोलिकोस, उपाध्यक्ष बिशप पाउली कन्नूकाडन और महासचिव बिशप एलेक्स वडकुमथला ने एक संयुक्त बयान में कहा कि मौजूदा वक्फ कानून के असंवैधानिक और अन्यायपूर्ण प्रावधानों को संशोधित करने की आवश्यकता है।

केरल राज्य वक्फ बोर्ड ने मुन्नंबम में लगभग 404 एकड़ भूमि पर दावा किया है, जहां 600 से अधिक परिवार बसे हुए हैं। इनमें से अधिकांश लैटिन कैथोलिक समुदाय के ईसाई और पिछड़े वर्गों के हिंदू हैं, जो दशकों से इस जगह पर रह रहे हैं और उन्होंने इसे फारूक कॉलेज से कानूनी रूप से खरीदा था।

फारूक कॉलेज ने पुष्टि की है कि उसे यह भूमि दान में मिली थी, जिसे बाद में उसने बेच दिया। बावजूद इसके, वक्फ बोर्ड मौजूदा कानूनों का हवाला देते हुए इस भूमि पर दावा कर रहा है। केसीबीसी का मानना है कि ऐसे कानूनों में संशोधन कर न्यायसंगत भूमि स्वामित्व को सुरक्षित करना आवश्यक है।

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