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भारतीय उद्योग जगत हाई-टेक सनराइज सेक्टर पर दें अधिक ध्यान: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल

Indian industry should pay more attention to hi-tech sunrise sector: Union Minister Piyush Goyal

बेंगलुरु, 23 नवंबर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने प्राइवेट सेक्टर से आग्रह किया कि वे इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए सरकार के 1 लाख करोड़ रुपये के फंड के तहत दिए जाने वाले प्रोत्साहनों का लाभ उठाएं। उन्होंने प्राइवेट सेक्टर से कहा है कि वो हाई टेक्नोलॉजी और सनराइज सेक्टर में निवेश बढ़ाने पर ध्यान दें।

इंडिया आइडियाज कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि देश की ‘विकसित भारत’ की यात्रा में रिसर्च और इनोवेशन प्रमुख स्तंभ बने हुए हैं।

पीयूष गोयल ने कहा कि डीप टेक और सनराइज डोमेन में प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए भारत सरकार ने 1 लाख करोड़ रुपये के फंड की घोषणा की है।

यह फंड इनोवेशन को बढ़ावा देने को लेकर महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “मैं उद्योगों से आग्रह करता हूं कि वे एकैडमिक भागीदारी के साथ पब्लिक- प्राइवेट मोड में महत्वपूर्ण क्षेत्रों में इनोवेशन को बढ़ाने के लिए इस फंड का लाभ उठाएं।”

केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि भारत आर्थिक विकास को पर्यावरणीय जिम्मेदारी के साथ देखते हुए सस्टेनेबल ट्रेड प्रैक्टिस और ग्रीन टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

गोयल ने कहा, “रिन्यूवेबल एनर्जी लक्ष्यों को आगे बढ़ाते हुए, देश ने 2030 के लिए निर्धारित 500 गीगावाट लक्ष्य में से 200 गीगावाट पहले ही हासिल कर लिया है।”

उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था के मजबूत आर्थिक बुनियादी ढांचे पर भी प्रकाश डाला।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “आज, भारत एक असाधारण बदलाव के शिखर पर गर्व, लचीलापन और दृढ़ संकल्प के साथ खड़ा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, देश दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है और वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है।”

उन्होंने कहा कि भारतीय मुद्रा प्रमुख मुद्राओं में सबसे कम अस्थिर मुद्राओं में से एक के रूप में अपनी स्थिति बनाए हुए है और विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 675 बिलियन डॉलर है – जो दुनिया के पांच सबसे बड़े भंडारों में से एक है।

केंद्रीय मंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब देश का बाहरी क्षेत्र बेहतर दिख रहा है।

आरबीआई के नवीनतम मासिक बुलेटिन के अनुसार, भारत के निर्यात का भविष्य उज्जवल है क्योंकि पिछले कुछ महीनों की धीमी वृद्धि के बावजूद, देश प्रमुख मैन्युफैक्चरिंग वस्तुओं के वैश्विक व्यापार में हिस्सेदारी हासिल कर रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “भारत वर्तमान में पेट्रोलियम उत्पादों में वैश्विक बाजार हिस्सेदारी का 13 प्रतिशत या छठा हिस्सा रखता है, जो बढ़ती रिफाइनिंग क्षमताओं और अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करने की क्षमता को प्रमाणित करता है।”

भारत कीमती और अर्द्ध-कीमती पत्थरों का सबसे बड़ा निर्यातक है, कीटनाशकों का तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक है, रबर न्यूमेटिक टायरों में आठवां सबसे बड़ा और सेमीकंडक्टर में नौवां सबसे बड़ा देश है।

आरबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2024-25 की पहली छमाही में, एप्पल ने भारत में निर्मित आईफोन का करीब 6 बिलियन डॉलर का निर्यात किया, जबकि ऑटोमोबाइल निर्यात में 14.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिसमें यात्री वाहनों और दोपहिया वाहनों का योगदान रहा।

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