April 12, 2025
National

भारतीय रेलवे ने फेस्टिव सीजन में टिकट बिक्री से कमाए 12,159 करोड़ रुपये

Indian Railways earned Rs 12,159 crore from ticket sales in the festive season.

नई दिल्ली, 28 नवंबर । भारतीय रेलवे ने इस साल 1 सितंबर से 31 अक्टूबर तक के त्योहारी सीजन के दौरान टिकट बिक्री से 12,159.35 करोड़ रुपये की कमाई की। भारतीय रेलवे से जुड़े इन आंकड़ों को संसद में पेश किया गया।

दो महीने की अवधि में गणेश चतुर्थी, दशहरा और दीपावली जैसे त्योहार थे, इस दौरान ट्रेन से यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिली।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में टिकट बिक्री से राजस्व के बारे में जोन वाइज आंकड़े साझा किए।

रेल मंत्री द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 1 सितंबर से 10 नवंबर के बीच 143.71 करोड़ यात्रियों ने ट्रेन से यात्रा की।

सेंट्रल जोन में 31.63 करोड़ यात्री आए, जो यात्रियों की सबसे बड़ी संख्या रही। पश्चिमी जोन 26.13 करोड़ यात्रियों के साथ दूसरे स्थान पर रहा, जबकि पूर्वी जोन 24.67 करोड़ यात्रियों के साथ तीसरे स्थान पर रहा। दक्षिण-पूर्व मध्य जोन में सबसे कम 1.48 करोड़ यात्रियों ने यात्रा की।

रेलवे ने फेस्टिव सीजन की भीड़ को देखते हुए 1 अक्टूबर से 30 नवंबर तक 7,663 एडिशनल स्पेशल ट्रेन शुरू करने की घोषणा की, जो 2023 की इसी अवधि की तुलना में 73 प्रतिशत अधिक है। पिछले साल इस अवधि के दौरान 4,429 एडिशनल स्पेशल ट्रेन चलाई गई थी।

इन स्पेशन ट्रेन के जरिए 24 अक्टूबर से 4 नवंबर तक दीपावली और छठ के दौरान 957.24 लाख नॉन-सबअर्बन यात्रियों को उनके गंतव्य स्थान पर पहुंचाया गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि के दौरान 923.33 लाख यात्रियों को यात्रा करवाई गई थी, जो 33.91 लाख यात्रियों की वृद्धि दर्शाता है।

अकेले 4 नवंबर को 1.2 करोड़ से अधिक यात्रियों ने ट्रेन से यात्रा की, जिसमें 19.43 लाख रिजर्व और 1.01 करोड़ से अधिक अनरिजर्व नॉन-सबअर्बन यात्री शामिल थे, जो कि 2024 के लिए अब तक की सबसे ज्यादा एक दिवसीय यात्रियों की संख्या थी।

इस महीने की शुरुआत में जारी रेलवे बोर्ड के बयान के अनुसार, यात्रियों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए 3 नवंबर को 207 और 4 नवंबर को 203 स्पेशन ट्रेन चलाई गईं।

यात्रियों की बढ़ती संख्या बढ़ती अर्थव्यवस्था में आर्थिक गतिविधि के उच्च स्तर को भी दर्शाती है क्योंकि अधिक लोग नौकरियों के लिए ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों में चले गए हैं और धार्मिक त्योहारों को मनाने के लिए अपने मूल स्थानों पर लौट आए हैं।

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