July 4, 2025
National

भारत का चीनी सेक्टर 1.3 लाख करोड़ रुपए का उद्योग बना : प्रल्हाद जोशी

India’s sugar sector has become a Rs 1.3 lakh crore industry: Pralhad Joshi

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रल्हाद जोशी ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत का चीनी सेक्टर 1.3 लाख करोड़ रुपए का उद्योग बन गया है, जिसने रिकॉर्ड इथेनॉल मिश्रण और ईंधन में आत्मनिर्भरता जैसे सुधारों के माध्यम से ग्रामीण समृद्धि, ऊर्जा सुरक्षा और हरित ऊर्जा को बढ़ावा दिया है।

डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में ‘को-ऑपरेटिव शुगर इंडस्ट्री कॉनक्लेव 2025’ को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, “यह देखना प्रेरणादायक है कि कैसे इस सेक्टर का विकास भारत के लिए एक सस्टेनेबल और आत्मनिर्भर भविष्य को आकार दे रहा है।”

उन्होंने कहा कि राष्ट्र की सामूहिक शक्ति, इनोवेशन और दक्षता ने इस सेक्टर को बदल दिया है।

केंद्रीय मंत्री जोशी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली में ‘कोऑपरेटिव शुगर इंडस्ट्री कॉन्क्लेव 2025’ और ‘नेशनल एफिशिएंसी अवॉर्ड सेरेमनी’ को संबोधित किया, जहां हमने भारत के शुगर कॉ-ऑपरेटिव सेक्टर की प्रगति का जश्न मनाया।”

केंद्रीय मंत्री ने पहले इस बात पर प्रकाश डाला था कि भारत में लगभग 5 करोड़ किसान (परिवार के सदस्यों सहित) गन्ने की खेती में लगे हुए हैं और यह उद्योग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से पर्याप्त रोजगार के अवसर प्रदान कर रहा है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार किसानों के कल्याण और उपभोक्ताओं के साथ-साथ उद्योग के हितों की रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है, जिससे कृषि पद्धतियों में सुधार के लिए सहयोगात्मक प्रयास सुनिश्चित होते हैं।

केंद्रीय मंत्री जोशी ने चीनी और जैव ईंधन सेक्टर में टेक्नोलॉजी और स्किल को आगे बढ़ाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर भी प्रकाश डाला।

चीनी पर भारत की सांस्कृतिक और आर्थिक निर्भरता पर जोर देते हुए उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े चीनी उपभोक्ता और एक महत्वपूर्ण जैव ईंधन उत्पादक के रूप में भारत की स्थिति का उल्लेख किया, जिसने पेट्रोल के साथ 12 प्रतिशत से अधिक इथेनॉल मिश्रण प्राप्त किया है और जल्द ही 20 प्रतिशत तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है।

केंद्रीय मंत्री ने जलवायु परिवर्तन से निपटने में जैव ईंधन की भूमिका को रेखांकित किया और चीनी उद्योग और किसानों पर भारत के इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के सकारात्मक प्रभावों का विवरण दिया।

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