नई दिल्ली, 4 सितंबर । जब भी इंजीनियरिंग रिसर्च और डेवलपमेंट की बात आती है, तो भारत का टैलेंट पूल दो दशकों से दुनिया का पहला पता रहा है। मौजूदा टैलेंट की लहर भी ऑटोमोटिव क्षेत्र में हमारे सामने आने वाली कुछ सबसे महत्वपूर्ण स्थिरता चुनौतियों को हल करने के लिए तैयार है। यह बात मर्सिडीज-बेंज रिसर्च एंड डेवलपमेंट इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ मनु साले ने दी है।
राष्ट्रीय राजधानी में हुए एक ईवेंट में मंगलवार को आईएएनएस से बात करते हुए साले ने कहा कि भारत की इंजीनियरिंग कम्युनिटी एआई और डेटा से जुड़ी सबसे महत्वपूर्ण चुनौतियों को निपटाने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि दशकों तक आईटी द्वारा डिजिटल सर्विस अर्थव्यवस्था की ग्रोथ को समर्थन देने के बाद अब सरकार और कॉर्पोरेट्स का फोकस रिसर्च और डेवलपमेंट पर है। कंपनी के शीर्ष अधिकारी की ओर से आगे कहा गया कि इंजीनियरिंग रिसर्च और डेवलपमेंट भारत को सर्विस की चर्चाओं से निकालने के लिए तैयार है। इससे देश को उत्पाद क्षेत्र में लाभ होगा। इससे भारत आने वाले वर्षों में अपने मोबिलिटी और हेल्थ केयर की चुनौतियों के साथ, दुनिया की कुछ अहम चुनौतियों को सुलझाएगा।
टिकाऊ इकोसिस्टम की अपनी प्रतिबद्धता दर्शाते हुए मर्सिडीज-बेंज रिसर्च एंड डेवलपमेंट इंडिया की ओर से ‘सस्टेनेबिलिटी गैरेज’ के विस्तार का ऐलान किया गया। इसमें कंपनी ने दो नए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का ऐलान किया है, जो हैदराबाद और नई दिल्ली में हैं।
मर्सिडीज-बेंज ग्रुप एजी में इंटीग्रिटी, गवर्नेंस और सस्टेनेबिलिटी के प्रबंधन बोर्ड के सदस्य रेनाटा जुंगो ब्रंगर ने कहा कि ‘सस्टेनेबिलिटी गैरेज’ के जरिए मर्सिडीज-बेंज रिसर्च एंड डेवलपमेंट इंडिया पारिस्थितिक स्थिरता और सामुदायिक सशक्तीकरण को बढ़ावा देने की हमारी वर्ल्डवाइड कॉर्पोरेट सिटीजनशिप रणनीति की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि हमारी भारतीय पहल लोकल स्टार्टअप और नई पीढ़ी के लीडर्स का समर्थन करती है। मैं इन साझेदारियों से उभरते इनोवेशन को देखकर उत्साहित हूं। साले ने कहा, “हमें विश्वास है कि भारत की डिजिटल रिसर्च और डेवलपमेंट टैलेंट पूल और आगे रहने की भावना हमें दुनिया के लिए कुछ ट्रांसफॉर्मेटिव क्लाइमेट-पॉजिटिव समाधानों की ओर ले जाएगी।”