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भारत का समय आ गया है, पूरा विश्व भारत की ओर उम्मीदों से देख रहा है : मोहन भागवत

India's time has come, the whole world is looking towards India with expectations: Mohan Bhagwat

नई दिल्ली, 12 फरवरी । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने वैश्विक स्तर पर भारत के बढ़ रहे प्रभाव का जिक्र करते हुए कहा है कि आज पूरा विश्व ठोकरे खा रहा है, लड़खड़ा रहा है और भारत की तरफ उम्मीद से देख रहा है कि अब दुनिया को भारत से ही रास्ता मिलेगा।

भगवान महावीर स्वामी के 2250वें निर्वाण वर्ष के उपलक्ष्य में दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि भारत के बारे में कहा जाता है कि यहां विविधता में एकता है। वास्तव में यहां एकता की ही विविधता हमारे ध्यान में आती है कि हम सब एक हैं।

उन्होंने कहा कि हम सब के एक होने से हम प्रतापी, शक्तिसम्पन्न, ताकतवर और प्रभावशाली बन जाएंगे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हमें दुनिया को जीतना है बल्कि हमें सारी दुनिया को जोड़ना है।

उन्होंने कहा कि हम (भारत ) प्रभावशाली बन जाएंगे तो इसका उपयोग दुनिया को जोड़ने के लिए करेंगे क्योंकि ऐसा उच्च जीवन दर्शन हमारे यहां मिला है और सारी दुनिया को यह रास्ता बताना हमारा कर्तव्य है और उसका समय फिर से आ गया है।

भागवत ने आगे कहा कि दो हजार वर्षों में अनेक प्रकार के प्रयोग करने के बाद विश्व आज ठोकरे खा रहा है, लड़खड़ा रहा है और भारत की ओर आशा से देख रहा है। दुनिया को यह लगता है कि भारत से ही उपाय मिलेगा और ऐसा विश्व इसलिए सोचता है क्योंकि विश्व को पता है कि ऐसे ही दर्शनों, तत्वों और व्यवहारों के आधार पर ही बहुत पहले भारत ने पूरे विश्व को शांति और समृद्धि के रास्ते पर बनाए रखा था।

उन्होंने अयोध्या में हुए रामलला के प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान का जिक्र करते हुए कहा कि अयोध्या के बारे में कहा जाता है कि वहां कलह नहीं होता और जब कैकेई के मन में कलह आया तो भगवान राम 14 वर्षों के लिए वनवास चले गए और पूरी दुनिया का कलह खत्म कर वापस लौटे।

उन्होंने कहा कि एक बार फिर भगवान राम वापस अयोध्या लौटे हैं। भारत में सबके एक होने की बात कहते हुए संघ प्रमुख ने यह भी कहा कि हम चाहे किसी भी समाज से ताल्लुक रखते हों, लेकिन हम सब एक हैं और हम सब का एक होना ही हमारी सबसे बड़ी शक्ति है।

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