संसद के मानसून सत्र से पहले विपक्षी दलों ने शनिवार को इंडी गठबंधन की वर्चुअल बैठक बुलाई है। इस बैठक का उद्देश्य संसद में सरकार के खिलाफ साझा रणनीति तैयार करना है
कांग्रेस इस बैठक के समन्वयन की जिम्मेदारी निभा रही है। पहले यह बैठक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के निवास पर प्रस्तावित थी, लेकिन अब इसे वर्चुअल फॉर्मेट में बदला गया है, ताकि देशभर के विपक्षी नेताओं की व्यापक भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।
बैठक शाम 7 बजे शुरू होगी और इसमें कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद), शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट), समाजवादी पार्टी (सपा), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) और वामपंथी दलों सहित प्रमुख विपक्षी पार्टियों के वरिष्ठ नेता हिस्सा लेंगे।
तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के भी बैठक में शामिल होने की उम्मीद है। हालांकि, आम आदमी पार्टी (आप) की भागीदारी को लेकर अब भी असमंजस बना हुआ है।
कांग्रेस सांसद और महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि इंडी गठबंधन के टॉप नेता संसद के मानसून सत्र में उठाए जाने वाले प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे।
कांग्रेस सांसद सैयद नासिर हुसैन ने बताया कि यह बैठक विपक्ष के लिए एक रणनीतिक मंच होगी, जहां वे सरकार के एजेंडे का विरोध करने और लोकतंत्र, शासन प्रणाली और चुनावी पारदर्शिता से जुड़े मुद्दों को प्रभावी ढंग से उठाने की रणनीति बनाएंगे।
बैठक में बिहार में चल रही मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया पर भी चर्चा होने की संभावना है। विपक्ष ने इस प्रक्रिया को आगामी विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूचियों में व्यापक हेरफेर की कोशिश करार दिया है।
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने हाल ही में इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण एक सोची-समझी और खतरनाक साजिश है, ताकि बड़े पैमाने पर लोगों को मताधिकार से वंचित कर चुनावों को प्रभावित किया जा सके।”
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