दैनिक, 30 जुलाई कुल्लू में आई बाढ़ को एक साल से ज़्यादा हो गया है, लेकिन प्रशासन जिले के कई संवेदनशील स्थानों पर सुधारात्मक उपाय करने में विफल रहा है। क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे, खासकर सड़कों को अभी तक बहाल नहीं किया जा सका है।
सड़कें बहाल नहीं की गईं कई गांवों के निवासियों ने जिला प्रशासन से संपर्क कर भविष्य में किसी भी प्राकृतिक आपदा से उनकी संपत्तियों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त उपाय करने की मांग की है।
पार्वती और सैंज घाटियों में रहने वाले लोगों ने अपनी चिंता व्यक्त की है और क्षतिग्रस्त सड़कों की पुनः कालीन बिछाने की मांग की है।
पारला भुंतर निवासी संजय कहते हैं कि जब से ब्यास नदी का तटबंध कटा है, तब से सुरक्षा के कोई उपाय नहीं किए गए हैं। जिया गांव निवासी राकेश कहते हैं, “अगर कुल्लू में फिर से बाढ़ जैसी स्थिति बनी तो जिले में तबाही मच सकती है। पिछले साल बारिश की आपदा में हमारे गांव को जाने वाला पैदल पुल बह गया था। प्रशासन ने हमारे लिए दूसरा पुल नहीं बनाया है।”
कई गांवों के लोगों ने जिला प्रशासन से भविष्य में किसी भी प्राकृतिक आपदा से अपनी संपत्ति की सुरक्षा के लिए उचित उपाय करने की मांग की है। पार्वती और सैंज घाटी में पड़ने वाले इलाकों में रहने वाले लोगों ने अपनी चिंता व्यक्त की है और क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत की मांग की है। चूंकि सड़कें पूरी तरह से बहाल नहीं हुई हैं, इसलिए कुछ मार्गों पर बसें नहीं चल रही हैं। नतीजतन, प्रशासन की उदासीनता के कारण स्थानीय लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
पारला भुंतर के निवासी अनूप कहते हैं कि बाढ़ के बाद हाथीथान की सड़क की हालत बेहद खराब थी। उनका आरोप है, “मुख्यमंत्री ने दावा किया था कि विशेष राहत पैकेज के तहत 4,500 करोड़ रुपये खर्च किए जाने थे, लेकिन कुल्लू में क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे को बहाल करने के लिए कुछ खास नहीं किया गया। 2023 की बाढ़ के दौरान जिले में बड़ा नुकसान हुआ था, लेकिन जिले में कितना खर्च किया गया है, यह पता नहीं है क्योंकि क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे के लिए ज़्यादातर अस्थायी कदम या कामचलाऊ व्यवस्था की गई है।” उनका आरोप है कि कई गांवों में फुटब्रिज बह गए और अस्थायी रोपवे स्पैन लगाए गए।
मनाली निवासी अक्षय कहते हैं कि बाढ़ के दौरान कुल्लू-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-03) के कई हिस्से धंस गए थे, लेकिन इन हिस्सों को अभी तक पूरी तरह से बहाल नहीं किया जा सका है। उन्होंने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) एनएच-03 की पूरी तरह से बहाली के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं कर रहा है।
संबंधित अधिकारियों ने दावा किया है कि पिछले वर्ष कुल्लू में बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत के रूप में लगभग 28 करोड़ रुपये वितरित किए गए थे।
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