सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी ने मंगलवार को पश्चिमी यमुना नहर के तल और शहर में रेलवे पुल के डाउनस्ट्रीम भाग के चल रहे सुदृढ़ीकरण कार्य का निरीक्षण किया। इस परियोजना का उद्देश्य पश्चिमी यमुना नहर के किनारे मिट्टी के कटाव को रोकना है।
यह कार्य सिंचाई विभाग और रेलवे द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि परियोजना को समय सीमा से पहले पूरा किया जाए।
रेलवे और सिंचाई विभाग द्वारा संयुक्त रूप से क्रियान्वित की जा रही इस परियोजना की अनुमानित लागत 4.5 करोड़ रुपये है। इसे पूरा करने की समय सीमा 2 मई है। अधिकारियों के अनुसार, काम के लिए नहर में पानी का प्रवाह अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार किसानों और नागरिकों दोनों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि नहरों के किनारे मिट्टी के कटाव से आस-पास के इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है और सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है। उन्होंने कहा, “हम इस समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में काम कर रहे हैं। एक बार परियोजना पूरी हो जाने के बाद, यह नहर के किनारों पर कटाव को रोक देगी और आसपास के इलाकों में बाढ़ के खतरे को काफी कम कर देगी।”
मंत्री ने बताया कि रेलवे पुल के पास नहर में पानी के तेज बहाव के कारण कटाव हो गया है और इस पर मरम्मत का काम चल रहा है। गर्मी के मौसम में पानी की बढ़ती मांग को देखते हुए उन्होंने अधिकारियों को काम में तेजी लाने और इसे जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
चौधरी ने जल संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भूजल एक प्राकृतिक संसाधन है, लेकिन इसका स्तर खतरनाक दर से घट रहा है। उन्होंने कहा, “पानी का बुद्धिमानी से उपयोग करना सभी की जिम्मेदारी है। सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास कर रही है कि नहर का पानी अंतिम छोर तक पहुंचे और इसके लिए जनता का सहयोग जरूरी है।”
राज्य में राजनीतिक स्थिति के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि विधानसभा में विपक्ष के एक मजबूत नेता की मौजूदगी स्वस्थ लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “विपक्ष की भूमिका सरकार को सचेत रखना है। हालांकि, कांग्रेस इस भूमिका को प्रभावी ढंग से निभाने में विफल रही है।”
लिंगानुपात के मुद्दे पर चौधरी ने कहा कि यह एक गहरी सामाजिक चुनौती है। “2014 से पहले हरियाणा में लिंगानुपात बहुत असंतुलित था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान शुरू करने के बाद, हमने महत्वपूर्ण सुधार देखे हैं। पहले पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर और अब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के मार्गदर्शन में, राज्य सरकार प्रगति को बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठा रही है,” उन्होंने कहा।
उन्होंने कहा, “आज बेटियाँ हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं – चाहे वह खेल हो, राजनीति हो या सरकारी नौकरी। वे राज्य और देश को गौरवान्वित कर रही हैं।” बाद में, महिला एवं बाल विकास मंत्री चौधरी ने झांझरी गांव में आंगनवाड़ी केंद्र का औचक दौरा किया और केंद्र की कार्यप्रणाली और सुविधाओं का जायजा लिया।
उन्होंने केंद्र में रखे गए विभिन्न रजिस्टरों की जांच की, जिसमें बच्चों की उपस्थिति, पोषण और स्वास्थ्य से संबंधित रिकॉर्ड शामिल थे। उन्होंने बच्चों को दिए जा रहे भोजन की गुणवत्ता की भी जांच की और उनसे प्यार से बातचीत कर उनकी शिक्षा और स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली।
चौधरी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे केंद्र में बच्चों की संख्या के अनुपात में उचित साफ-सफाई, पर्याप्त रोशनी और पर्याप्त जगह सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा, “आंगनवाड़ी केंद्र बच्चों के शुरुआती विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यहां सुरक्षित और पोषण वाला माहौल बनाए रखना जरूरी है।”
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