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सौरभ शर्मा मामले में जांच एजेंसियों की कारों पर नजर, अरोरा की कार को खंगाला

Investigation agencies keep an eye on cars in Saurabh Sharma case, Arora's car searched

मध्य प्रदेश के परिवहन घोटाले के अहम किरदार पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा से जुड़े लोगों के खिलाफ जांच एजेंसियों ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। अब तो जांच एजेंसियों की नजर संबंधितों के घरों पर खड़ी कारों पर भी है। प्रवर्तन निदेशालय ने ग्वालियर में पंजीयन विभाग में पूर्व सीनियर सब रजिस्ट्रार के के अरोरा के घर के बाहर खड़ी कार की सर्चिंग की।

ज्ञात हो कि भोपाल में एक प्लॉट पर लावारिस कार मिली थी। इस कार में 52 किलो सोना व 10 करोड़ नगद मिले थे। यह कार पूर्व परिवहन आरक्षक सौरभ शर्मा से जुड़ी पाई गई थी और वह जिस भूखंड पर मिली थी वह विनय हासवानी का है। वहीं हासवानी का कारोबारी साझेदार ग्वालियर के मुरार क्षेत्र की सीपी कॉलोनी रहने वाला अरोरा है। शुक्रवार को ईडी ने अरोरा के निवास पर दबिश दी। इस दौरान के के अरोरा के भाई और दो बहनोई मौजूद रहे।

एक तरफ जहां ईडी ने घर के भीतर कागजात को खंगाला, वहीं घर के बाहर खड़ी एक कार की भी सर्चिंग की। यह कार अरोरा की बताई जाती है। ईडी ने यह कार की तलाशी पूर्व के अनुभव के आधार पर की, जब भोपाल की एक कार में सोना व नगदी मिली थी।

ज्ञात हो कि राज्य में परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के खिलाफ तीन जांच एजेंसियों लोकायुक्त, आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय ने कार्रवाई की थी। उसके आवास से ढाई क्विंटल से ज्यादा वजन की चांदी बरामद की गई थी। उसके साथ ही कई अहम दस्तावेज भी मिले हैं। इसके अलावा एक लावारिस कार मिली थी जिसमें 52 किलो सोना व रुपये नगद मिले थे। सौरभ शर्मा अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर है, वहीं उसका एक करीबी जांच एजेंसियों की गिरफ्त में आ चुका है। कहा जा रहा है कि सौरभ अपनी पत्नी के साथ दुबई में है और वह कब आएगा इसका सभी को इंतजार है।

अरोरा और उनकी पत्नी कल्पना का भी अब तक ईडी को पता नहीं लग पाया है। वहीं ईडी ने भोपाल में भी एक कैंसर अस्पताल के संचालक और उनके ठिकानों पर दबिश दी। इस कार्रवाई में ईडी को क्या हासिल हुआ इसका खुलासा नहीं हो पाया है।

सौरभ शर्मा वैसे तो परिवहन विभाग में आरक्षक रहा है और उसकी अनुकंपा नियुक्ति हुई थी। इस अनुकंपा नियुक्ति को लेकर भी राज्य की सियासत गर्माई हुई है। कांग्रेस लगातार आरोप लगा रही है कि सौरभ को सत्ताधारी दल का संरक्षण रहा है और वह राज्य के तमाम चेक पोस्ट का संचालन करता था। उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने सीधे तौर पर भाजपा के पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह पर आरोप लगाए हैं, तो वहीं भूपेंद्र सिंह ने कटारे के खिलाफ मानहानि का प्रकरण दर्ज कराने की बात कही। साथ ही मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र लिखकर कटारे के खिलाफ एक मामले की जांच कराने की मांग की है।

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