जाहलमा पंचायत के निवासियों ने लाहौल एवं स्पीति में लंबे समय से बंद पड़े जाहलमा-रिकांगपिओ बस मार्ग को बहाल करने की मांग दोहराई है।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि यह मार्ग, जिसे पहले केलोंग डिपो द्वारा प्रबंधित किया जाता था, बंद होने से पहले 25 साल से अधिक समय से इस क्षेत्र में सेवा दे रहा था। तब से, जाहलमा से टांडी जाने वाले यात्री उदयपुर से आने वाली बसों पर निर्भर हैं।
जाहलमा निवासी प्रीतम ठाकुर ने बताया, “पहले जाहलमा से रिकांग पियो तक एचआरटीसी की बस सेवा चलती थी और हम अपने फूलों की खेती की उपज बस में ले जाते थे। अब हम उदयपुर से आने वाली बस सेवा पर निर्भर हैं, जो कभी-कभी भीड़भाड़ वाली होती है। नतीजतन, हमें भारी असुविधा का सामना करना पड़ता है।”
जाहलमा पंचायत के उप-प्रधान रोहित कुमार ने बताया कि स्थानीय लोग जाहलमा से रिकांगपिओ तक बस सेवा फिर से शुरू करने की मांग कर रहे थे। एचआरटीसी ने दावा किया था कि जाहलमा में उसके कर्मचारियों के लिए भोजन और भोजन की कोई सुविधा नहीं होने के कारण बस सेवा बंद कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि बस सेवा बहाल होने से नाल्दा, जुंडा, जाहल्मा, गोहरमा, जोबरंग, शांशा, रानिका, वारपा और तांडी पंचायतों सहित जाहल्मा क्षेत्र की महत्वपूर्ण आबादी को लाभ मिलेगा।
मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए केलोंग डिपो के प्रभारी आयुष ने कहा, “उदयपुर से रिकांगपिओ तक बस मार्ग का विस्तार किया गया है। हम जाहलमा निवासियों की मांग पर विचार करेंगे।”
उदयपुर से बसों पर निर्भर केलोंग डिपो इस क्षेत्र में बस सेवा बंद होने से पहले 25 साल से अधिक समय से बस चला रहा था। तब से, जाहलमा से टांडी जाने वाले यात्री उदयपुर से आने वाली बसों पर निर्भर हैं।