डिप्टी कमिश्नर डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने मंगलवार को 15वें वित्त आयोग, अमृत योजना, स्वच्छ भारत मिशन, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना और नगर विकास निधि जैसी विभिन्न सरकारी प्रायोजित योजनाओं के तहत जालंधर नगर निगम और नगर परिषदों सहित शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के प्रदर्शन की समीक्षा की।
जालंधर नगर निगम के आयुक्त गौतम जैन और अतिरिक्त उपायुक्त जसबीर सिंह के साथ डॉ. अग्रवाल ने इस बात पर जोर दिया कि इन योजनाओं का उद्देश्य जिले में चल रही विकास पहलों को बढ़ावा देना है।
उन्होंने अधिकारियों को सभी चालू परियोजनाओं को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया तथा इस बात पर जोर दिया कि इसमें देरी अस्वीकार्य होगी।
उन्होंने इन योजनाओं के तहत शुरू की गई सभी परियोजनाओं के समय पर क्रियान्वयन पर जोर दिया और प्रत्येक शहरी स्थानीय निकाय के लिए समय सीमा निर्धारित की।
उपायुक्त ने शहरी स्थानीय निकायों को वर्तमान परियोजनाएं पूरी होने पर उपयोगिता प्रमाण पत्र (यूसी) प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए, जिससे अगली किश्तों के लिए धनराशि जारी की जा सकेगी।
डॉ. अग्रवाल ने इस बात पर जोर दिया कि वरिष्ठ अधिकारियों को इन योजनाओं के तहत किए जा रहे कार्यों की गुणवत्ता की व्यक्तिगत रूप से निगरानी करनी चाहिए।
उन्होंने संपत्ति कर संग्रहण की प्रगति की भी समीक्षा की तथा नगर निगमों और परिषदों से 15वें वित्त आयोग की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कर संग्रहण बढ़ाने का आग्रह किया।
डीसी ने क्रियान्वयन स्तर पर जटिलताओं से बचने के लिए प्रत्येक योजना के लिए एक ही खाता बनाए रखने पर जोर दिया।