जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ अभियान के तहत एक बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने कठुआ जिले के बिलावर क्षेत्र में एक कुख्यात ड्रग पेडलर की अवैध रूप से अर्जित संपत्ति को जब्त कर लिया है।
पुलिस की ओर से शनिवार को जारी प्रेस रिलीज में बताया गया कि कठुआ एसएसपी मोहिता शर्मा (आईपीएस) की निगरानी में पुलिस स्टेशन बिलावर द्वारा एक ड्रग पेडलर की अचल संपत्ति को अटैच किया गया है। यह एक मंजिला इमारत है जिसकी अनुमानित कीमत 12,26,303 रुपए बताई गई है। यह संपत्ति जावेद अख्तर, पुत्र मोहम्मद लतीफ, निवासी लोहाई मल्हार की है।
यह कार्रवाई बिलावर एसएचओ इंस्पेक्टर जहीर मुश्ताक के नेतृत्व में एसपी अपर कठुआ आमिर इकबाल और एसडीपीओ बिलावर नीरज पड़यार की देखरेख में की गई। पुलिस ने यह कदम एनडीपीएस एक्ट 1985 की धारा 68 ए.2 (सी), 68-ई और 68-एफ के तहत उठाया है, जो ड्रग तस्करों की अवैध संपत्ति को जब्त करने से संबंधित प्रावधान प्रदान करती हैं।
पुलिस के अनुसार, आरोपी जावेद अख्तर लंबे समय से नशीले पदार्थों की तस्करी में शामिल था और उसके खिलाफ 4 मामले दर्ज हैं। इसके अलावा, आरोपी को पीआईटीएनडीपीएस के तहत भी गिरफ्तार किया जा चुका है। जांच में पाया गया कि जब्त की गई अचल संपत्ति नशीले पदार्थों की तस्करी से अर्जित की गई थी, जिसे पुलिस ने प्राथमिक रूप से अवैध संपत्ति घोषित किया।
पुलिस का कहना है कि यह कार्रवाई जिले में नशे के खिलाफ उनकी “जीरो टॉलरेंस पॉलिसी” को मजबूत करती है। स्थानीय लोगों ने पुलिस की इस पहल का स्वागत किया है और इसे नशा माफिया पर बड़ी चोट करार दिया है।
इससे पहले, एक अन्य कार्रवाई में पुलिस ने शुक्रवार को अवंतीपोरा में जम्मू-कश्मीर पीपुल्स लीग के अलगाववादी मोहम्मद याकूब शेख की संपत्ति को सील कर दी थी। यह कार्रवाई पुलवामा की एडिशनल सेशन्स कोर्ट (एनआईए एक्ट के तहत नामित विशेष अदालत) के आदेश पर की गई थी।
मोहम्मद याकूब शेख, जो अब पीओके में रह रहा है, का नाम्बलाबल पंपोर स्थित एक आवासीय मकान और उससे जुड़ी 4 मरला जमीन (सर्वे नंबर 4008) कार्रवाई के दायरे में आई थी। यह कार्रवाई पंपोर थाने में दर्ज केस एफआईआर नंबर 24/2024 के तहत की गई है, जिसमें आईपीसी की धारा 121 और 121ए के साथ-साथ यूएपीए की धारा 10 और 13 के आरोप शामिल थे। पुलिस ने बताया कि कानूनी प्रक्रिया के बाद संपत्ति को अटैच किया गया, जो अलगाववादी नेटवर्क को खत्म करने और राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ काम करने वाली गतिविधियों पर लगाम लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


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