जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए हमले और उसके बाद भारत के एयर स्ट्राइक में पाकिस्तान में नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करने की कार्रवाई के बाद दोनों देशों में बढ़े तनाव और सीजफायर की घोषणा को लेकर बयानबाजियों का दौर जारी है।
इस दौरान विपक्ष के संसद के विशेष सत्र बुलाए जाने की मांग को सत्ता पक्ष ने नकार दिया है। एनडीए में शामिल जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ता राजीव रंजन ने साफ लहजे में कहा कि इसका कोई औचित्य नहीं है। देश के वरिष्ठतम नेताओं में से एक शरद पवार ने भी इस मांग को अव्यवहारिक बताया है। जब सर्वदलीय बैठक में सभी राजनीतिक दलों ने केंद्र सरकार को हर प्रकार की सहायता और समर्थन देने का वादा किया है और भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम के सामने पाकिस्तान नतमस्तक है। उन्हें एक बड़ा नुकसान इस संघर्ष के दौरान झेलना पड़ा है। दुनिया के सामने पाकिस्तान पूरी तरह बेनकाब हुआ है।
उन्होंने आगे कहा, “देशहित में केंद्र सरकार आवश्यक कदम उठा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देश के नाम संबोधन में पाकिस्तान के विरुद्ध सैन्य कार्रवाई का पूरा ब्यौरा देश के साथ साझा किया है, तो ऐसी स्थिति में केंद्र के सभी फैसले के साथ हमारी पार्टी रही है। जब भी सरकार कोई निर्णय लेती है तो राष्ट्रीय सुरक्षा के सवाल पर हमारा समर्थन उन्हें है।”
इससे पहले बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद का विशेष सत्र बुलाने का आग्रह करते हुए सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर लिखा, “प्रधानमंत्री से आग्रह है कि संसद का विशेष सत्र बुलाकर पहलगाम की आतंकी घटना से लेकर सीजफायर तक तिथि वार और बिंदुवार जानकारी देते हुए देश को भरोसे में लें। ताकि समस्त भारतवासी संसद के माध्यम से एक स्वर एक ध्वनि में भारतीय सेना के शौर्य, वीरता और पराक्रम को धन्यवाद देते हुए विभिन्न पहलुओं पर विचार रखें और आतंक की प्रयोगशाला चलाने वाले देश ‘आंतकिस्तान’ को समस्त भारतवर्ष से एक साझा संदेश जाए।”