रांची, 5 दिसंबर । झारखंड हाईकोर्ट ने धनबाद जेल में हिस्ट्रीशीटर अमन सिंह की हत्या के मामले में मंगलवार को सुनवाई करते हुए मौखिक रूप से कहा कि यह घटना एक बड़े षड्यंत्र की ओर इशारा कर रही है। जेल में हथियार पहुंचना और हत्या होना गंभीर बात है।
कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि वृहद षड्यंत्र और पॉलिटिकल एंगल की जांच के लिए क्या मुख्यालय स्तर पर स्पेशल इन्वेस्टिगेटिंग टीम (एसआईटी) बनाने का विचार रखती है?
कोर्ट ने इस मामले में सोमवार को स्वतः संज्ञान लेते हुए जेल आईजी को वर्चुअली उपस्थित होकर जवाब देने को कहा था।
मंगलवार को लगातार दूसरे दिन चीफ जस्टिस संजय मिश्र की अध्यक्षता वाली बेंच में हुई सुनवाई के दौरान राज्य के जेल आईजी उमाशंकर सिंह ने बताया कि इस मामले में एडीएम लॉ एंड ऑर्डर, अपर समाहर्ता एवं सिटी एसपी की तीन सदस्यीय टीम जेल में सुरक्षा की हुई चूक की जांच कर रही है। इसके अलावा सीआईडी के आईजी भी जांच कर रहे हैं।
हाईकोर्ट को जानकारी दी गई कि जेल से दो पिस्टल, 6 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। गोली चलाने वाले की पहचान कर ली गई है। इस मामले में चार प्राथमिकी दर्ज कराई गई है और मुख्य आरोपी सुंदर महतो को रिमांड पर लिया गया है। घटना को लेकर धनबाद के जेलर समेत 7 कक्षपालों को निलंबित कर दिया गया है।
यह भी बताया गया कि 23 कैदियों को राज्य की दूसरे जेलों में शिफ्ट किया जाएगा।
कोर्ट ने महाधिवक्ता राजीव रंजन से कहा कि इस मामले में वृहत षड्यंत्र और पॉलिटिकल एंगल को देखते हुए राज्य सरकार एसआईटी बनाने पर विचार कर सकती है या नहीं? इसपर सरकार का मंतव्य अगली सुनवाई में कोर्ट को बताएं।
कोर्ट ने मामले में तीन सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट भी जमा करने को कहा। मामले की अगली सुनवाई 12 दिसंबर निर्धारित की गई है।
बता दें कि रविवार को धनबाद जेल के अंदर अमन सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अमन सिंह धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर और कांग्रेस नेता नीरज सिंह की हत्या के मामले में वर्ष 2021 से इस जेल में बंद था।