जोधपुर, 9 अप्रैल । राजस्थान के नाथद्वारा से विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ ने महाराणा सांगा को लेकर दिए जा रहे बयानों पर नाराजगी जताई। उनके अनुसार, जबरदस्ती ऐसी बातें कहकर विवाद खड़ा किया जा रहा है। जोधपुर पहुंचे भाजपा विधायक ने वक्फ को लेकर दो टूक कहा कि यह देश का कानून है जो सबके लिए बाध्यकारी है।
विश्वराज सिंह मेवाड़ ने वक्फ कानून को मुस्लिम समुदाय के हित में लिया गया फैसला करार देते हुए कहा कि यह कानून देश की संसदीय प्रक्रिया से गुजरकर बनाया गया है, जिसे सभी को मानना होगा।
विश्वराज सिंह ने वक्फ कानून पर बोलते हुए कहा, “यह कानून मुसलमानों के हित में है। इसे संसद में लंबी बहस के बाद देर रात तक चली चर्चा के बाद पारित किया गया। हमारे देश में कानून बनाने की एक प्रक्रिया है। जब संसद ने इसे मंजूरी दे दी, तो यह देश का कानून बन गया। कुछ लोग इसे मानना नहीं चाहते और यह दिखाने की कोशिश करते हैं कि वे इसका पालन नहीं करेंगे, लेकिन देश का कानून सभी के लिए बाध्यकारी है।”
उन्होंने आगे कहा कि इस कानून से पारदर्शिता आई है। जमीन के किसी भी लेन-देन में देश के नियम-कायदों का पालन करना अनिवार्य है। अगर कोई खरीद-बिक्री होती है, तो उसे कानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। चाहे जमीन कितनी भी पुरानी क्यों न हो, जब उसका हस्तांतरण होता है, तो उसके कागजात बनते हैं। अगर कोई व्यक्ति उस पर दावा करता है, तो उसे दस्तावेजों के आधार पर ही साबित करना होगा। बिना दस्तावेज के यह कैसे माना जाएगा कि वह जमीन किसी की है? मेरा मानना है कि वक्फ कानून से जमीन से जुड़े विवादों में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी।
वहीं, महाराणा सांगा को लेकर समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सदस्य रामजी लाल सुमन की टिप्पणी पर विश्वराज सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “यह विवाद जबरदस्ती खड़ा किया गया है। महाराणा सांगा का इतिहास सबके सामने है। उनका चरित्र और व्यक्तित्व सभी जानते हैं, इसे दोहराने की जरूरत नहीं है। यह उस नेता का व्यक्तिगत विचार हो सकता है, लेकिन यह नाराजगी की बात है।”
उन्होंने आगे कहा कि अगर देश के सबसे उच्च सदन में हमारे इतिहास के नायकों के बारे में ऐसी बातें कही जाती हैं तो इसे जायज नहीं ठहराया जा सकता। समाजवादी पार्टी अगर ऐसे लोगों को राज्यसभा भेज रही है, तो वहां की जनता को सोचना चाहिए। राणा सांगा के बारे में जो कुछ भी कहा गया, वह सरासर गलत है। इतिहास के तथ्यों को तोड़ा-मरोड़ा नहीं जाना चाहिए।
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