सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने कल हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान के नाम की सिफारिश झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में की।
न्यायमूर्ति चौहान शिमला जिले के रोहड़ू तहसील से हैं। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से कानून की डिग्री प्राप्त की थी और 1989 में हिमाचल प्रदेश बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत हुए थे। उन्होंने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में वकालत की।
उन्हें 23 फरवरी, 2014 को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था और उसके बाद 30 नवंबर, 2014 को उन्हें उच्च न्यायालय का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। न्यायमूर्ति चौहान हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष हैं और हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, शिमला की शासी परिषद के बोर्ड में भी हैं। वे हिमाचल प्रदेश न्यायिक अकादमी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय की किशोर न्याय समिति के अध्यक्ष के रूप में न्यायमूर्ति चौहान ने हिमाचल प्रदेश के बाल आश्रमों और बालिका आश्रमों, शिमला के मानसिक स्वास्थ्य एवं पुनर्वास अस्पताल तथा हिमाचल प्रदेश के वृद्धाश्रमों के बच्चों के कल्याण के लिए उल्लेखनीय कार्य किया है।
न्यायमूर्ति चौहान ने उच्च न्यायालय के साथ-साथ अधीनस्थ न्यायालयों में कम्प्यूटरीकरण की पहल की थी, जिससे अधिवक्ताओं/वादियों को अपने मामलों के बारे में जानकारी प्राप्त करने और विभिन्न अन्य सेवाओं तक पहुंचने में मदद मिली, जैसे प्रमाणित प्रति के लिए ऑनलाइन आवेदन करना, ऑनलाइन न्यायालय शुल्क का भुगतान करना, वाद-सूची तक पहुंच, ई-फाइल केस (आईटीआर), केवल ई-गेट पास के लिए आवेदन करना आदि।
न्यायमूर्ति चौहान 20 अप्रैल, 2023 से 29 मई, 2023 तक तथा फिर 19 अक्टूबर, 2024 से 28 दिसंबर, 2024 तक हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बने रहेंगे। उन्होंने कई ऐतिहासिक फैसले सुनाए हैं तथा अब तक लगभग 72,000 मामलों का निपटारा किया है।
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