स्थानीय सांसद कंगना रनौत ने आज यहां जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें जिले में केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि वह केंद्रीय योजनाओं का समय पर और प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और राज्य सरकार को इस संबंध में उनका पूरा सहयोग मिलेगा।
कंगना ने बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा कीरतपुर-मनाली और मंडी-पठानकोट चार लेन राजमार्गों के निर्माण के साथ-साथ केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा विकसित किए जा रहे हमीरपुर-मंडी वाया कोटली दो लेन सड़क की समीक्षा की। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि ये परियोजनाएं समय पर पूरी हों और निर्माण के दौरान स्थानीय लोगों को होने वाली किसी भी कठिनाई का समाधान किया जाए।
उन्होंने बैठक में एनएचएआई के परियोजना निदेशक की अनुपस्थिति पर नाराजगी जताई। उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) चरण-III और राज्य लोक निर्माण विभाग द्वारा क्रियान्वित की जा रही केंद्रीय सड़क निधि (सीआरएफ) के तहत निर्माणाधीन सड़कों और पुलों की प्रगति का आकलन किया। उन्होंने अधिकारियों से इन कार्यों में तेजी लाने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि ये कार्य बिना देरी के पूरे हों।
कंगना ने विभागों को जागरूकता अभियान चलाने और ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में कचरे का उचित निपटान सुनिश्चित करने के लिए जन भागीदारी को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान उठाए गए मुद्दों पर अपडेट समय-समय पर उनके साथ साझा किए जाएं। कंगना ने खेल विभाग को क्षेत्र में खेल गतिविधियों के विस्तार के लिए खेलो इंडिया कार्यक्रम के तहत एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया। उन्होंने एमपी लोकल एरिया डेवलपमेंट (एमपीलैड) योजना और राज्य सरकार के माध्यम से कार्यान्वित की जा रही अन्य केंद्रीय योजनाओं के तहत किए जा रहे कार्यों की भी समीक्षा की।
उन्होंने कहा कि बिजली बिल भुगतान पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “मैं अपने घर में कोई फैक्ट्री नहीं चला रही हूं, जिसके लिए मुझे करीब 1 लाख रुपये का बिजली बिल मिला है। यह बहुत अजीब बात है कि पिछले साल तक मुझे 5000 रुपये से ज्यादा का बिजली बिल नहीं मिला था, जो अब बढ़कर करीब 1 लाख रुपये हो गया है।”
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