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कर्नाटक सरकार ने कार सेवक को गिरफ्तार करने वाले इंस्पेक्टर को अनिवार्य छुट्टी पर भेजा

Karnataka government sends inspector who arrested Kar Sevak on compulsory leave

हुबली, (कर्नाटक) 4 जनवरी  । कर्नाटक सरकार ने हुबली में एक कथित कार सेवक को गिरफ्तार करने वाले पुलिस इंस्पेक्टर को अनिवार्य छुट्टी पर भेज दिया है, इससे राज्य में एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है।

हुबली शहर पुलिस स्टेशन से जुड़े इंस्पेक्टर मोहम्मद रफीक ने 31 साल पहले दर्ज एक आगजनी मामले में 29 दिसंबर को श्रीकांत पुजारी को गिरफ्तार किया था।

पुजारी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया और सूत्रों ने कहा कि अयोध्या रथ यात्रा के दौरान दर्ज लंबित मामलों को फिर से खोलने के लिए एक विशेष टीम का भी गठन किया गया है।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि हुबली-धारवाड़ पुलिस आयुक्त, रेणुका सुकुमार ने बीए जाधव को कार्यभार सौंप दिया है।

राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान आगजनी के एक मामले में पुजारी की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए भाजपा ने बुधवार को राज्य भर में विरोध प्रदर्शन किया।

कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने पुजारी को रिहा करने के लिए राज्य सरकार को 48 घंटे की समय सीमा दी है।

इस गिरफ्तारी के बड़ा विवाद बनने पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक प्रेस बयान जारी कर कहा कि अपराधियों को जाति और धार्मिक लेबल देना बेहद खतरनाक है।

गृह मंत्री डॉ. जी परमेश्वर ने गिरफ्तारी की निंदा करते हुए भाजपा द्वारा शुरू किए गए विरोध प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वह व्यक्ति कार सेवक नहीं था और उसके खिलाफ 16 पुलिस मामले हैं।

उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि पुजारी की गिरफ्तारी कानून-व्यवस्था का मामला है, न कि प्रतिशोध की राजनीति का।

हालांकि, ड्यूटी पर मौजूद अधिकारी को अनिवार्य छुट्टी पर भेजने के फैसले ने सत्तारूढ़ सरकार को बैकफुट पर ला दिया है और कथित कार सेवक के खिलाफ शुरू की गई कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं।

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