खालसा साजना दिवस (वैसाखी) के मौके पर गुरुवार को (10 अप्रैल) पूरे भारत से करीब 6,600 सिख श्रद्धालु पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारों के दर्शन के लिए रवाना हुए। यह जत्था अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान पहुंचेगा। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की ओर से 1,942 तीर्थयात्रियों का एक विशेष जत्था तैयार किया गया, जो “बोले सो निहाल” के जयकारों के साथ शिरोमणि कमेटी कार्यालय से रवाना हुआ। इस जत्थे का नेतृत्व एसजीपीसी सदस्य जंग बहादुर और उपनेता बीबी जोगिंदर कौर कर रहे हैं। यह तीर्थयात्री 10 दिनों तक पाकिस्तान में रहेंगे और 19 अप्रैल को भारत लौट आएंगे।
एसजीपीसी ने बताया कि 50 साल बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब सभी आवेदन करने वाले श्रद्धालुओं को वीजा मिला है। इस बार शिरोमणि कमेटी ने 1,942 श्रद्धालुओं के नाम दिल्ली स्थित पाकिस्तान दूतावास को भेजे थे, और सभी को वीजा जारी कर दिया गया। इस उपलब्धि के लिए एसजीपीसी ने भारत और पाकिस्तान सरकारों के साथ-साथ दूतावास अधिकारियों का धन्यवाद किया। कमेटी के मैनेजर सतनाम सिंह और प्रताप सिंह ने कहा कि पहले कई बार कुछ श्रद्धालुओं को वीजा नहीं मिलता था, लेकिन इस बार सभी को वीजा मिलने से संगत में खुशी की लहर है।
यह जत्था पाकिस्तान में ननकाना साहिब, पंजा साहिब, लाहौर साहिब, करतारपुर साहिब और अन्य गुरुद्वारों के दर्शन करेगा। खालसा साजना दिवस का मुख्य समारोह गुरुद्वारा पंजा साहिब, हसन अब्दाल में होगा। सतनाम सिंह ने बताया कि शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी के निर्देश पर एक प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में दिल्ली में पाकिस्तान दूतावास के अधिकारियों से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में सभी श्रद्धालुओं को वीजा देने की मांग रखी गई थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया। श्रद्धालुओं ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए सरकार को धन्यवाद दिया।
श्रद्धालु घनश्याम सिंह ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “हमें बहुत खुशी है कि हम बाबा की धरती पर जा रहे हैं। यह पंजाब हमारा है और वह पंजाब भी हमारा है। सरकार को सीमाएं खोल देनी चाहिए ताकि लोग आसानी से आ-जा सकें। मैं अकेले जा रहा हूं और सभी गुरुद्वारों के दर्शन करूंगा। यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है।”
एक अन्य श्रद्धालु तनवंत सिंह ने कहा, “मैं पहली बार पाकिस्तान जा रहा हूं और बहुत उत्साहित हूं। हमें 10 दिन का वीजा मिला है। हम ननकाना साहिब, पंजा साहिब, करतारपुर साहिब और लाहौर के गुरुद्वारे देखेंगे। दोनों सरकारों का धन्यवाद कि हमें यह मौका मिला। आगे भी ऐसा ही रहना चाहिए।”
होशियारपुर से आए गुरुदेव सिंह ने भी खुशी जताई। उन्होंने कहा, “बहुत अच्छा लग रहा है। मेरे परिवार से तीन लोग जा रहे हैं। हम ननकाना साहिब, पंजा साहिब और लाहौर के गुरुद्वारों के दर्शन करेंगे। दोनों सरकारों का शुक्रिया कि इस बार पूरी संगत को वीजा मिला।”
श्रद्धालु फतेह दास सतनाम सिंह बंजर ने कहा, “50 साल बाद ऐसा हुआ है कि सभी को वीजा मिला। मैं दोनों सरकारों का धन्यवाद करता हूं। हम ननकाना साहिब और पंजा साहिब जैसे पवित्र स्थानों के दर्शन करेंगे। यह हमारे लिए बहुत खुशी का मौका है।”
एसजीपीसी अधिकारियों ने उम्मीद जताई कि भविष्य में भी श्रद्धालुओं को इसी तरह सहूलियत मिलती रहेगी। यह यात्रा सिख समुदाय के लिए धार्मिक और भावनात्मक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उन्हें अपने गुरुओं से जुड़े पवित्र स्थानों से जोड़ती है।
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