केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बुधवार को महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) परिसर से जाट कॉलेज तक तिरंगा यात्रा का नेतृत्व किया। खट्टर ने नशा मुक्ति और पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता की शपथ दिलाई।
छात्रों, शिक्षकों और सभी वर्गों के लोगों सहित प्रतिभागियों ने राष्ट्रीय ध्वज थाम रखा था और ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए। इस अवसर पर एमडीयू के कुलपति प्रोफेसर राजबीर सिंह, भारतीय पुनर्वास परिषद की अध्यक्ष डॉ. शरणजीत कौर और रजिस्ट्रार डॉ. कृष्णकांत सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
खट्टर ने युवाओं से राष्ट्रहित में सक्रिय भूमिका निभाने, तिरंगे की गरिमा की रक्षा करने और सामाजिक सरोकारों से जुड़ने का आह्वान किया। एमडीयू के ‘नशा-मुक्त घर’ अभियान की सराहना करते हुए उन्होंने उपस्थित लोगों को नशामुक्ति की शपथ दिलाई। उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में पौधारोपण भी किया और शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए, मंत्री ने कहा कि कुछ लोगों ने तिरंगे को अपनी निजी संपत्ति समझकर उसे अपनी पार्टी का झंडा बना लिया। उन्होंने कहा, “वे आज़ादी के बाद 60 साल से ज़्यादा समय तक सत्ता में रहे और खुद को देश का मालिक समझते रहे।”
कुलपति ने कहा, “आज नशे से मुक्ति की सख्त जरूरत है। एमडीयू और इससे संबद्ध कॉलेजों के विद्यार्थी, शिक्षक और कर्मचारी हरियाणा को नशा मुक्त बनाने की दिशा में काम करेंगे।” खट्टर ने रोहतक जिले में अपने पैतृक गांव बनियानी का भी दौरा किया और ग्रामीणों से बातचीत की।