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जानिए, क्यों उत्तराखंड के स्थापना दिवस पर लोगों को लिखना पड़ा ‘खून’ से पत्र

Know why people had to write letters with 'blood' on the foundation day of Uttarakhand

देहरादून, 9 नवंबर । उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में राज्य स्थापना दिवस के मौके पर चौखुटिया विकासखंड में गेवाड़ विकास संघर्ष समिति ने देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, प्रदेश के राज्यपाल, सर्वोच्च न्यायाधीश को खून से पत्र लिखकर भेजा है।

यह पत्र अल्मोड़ा के जिलाधिकारी को सौंप दिया गया है।

इस दौरान क्रांतिवीर चौक से गंगा घाट आरती स्थल तक सैकड़ों महिलाएं और पुरुष हाथों में तख्तियां लेकर पहुंचे और लगातार यह नारा लगाते रहे कि हमारी मांगें पूरी करो।

इस दौरान वक्ताओं ने जोरदार तरीके से अपनी बात रखी।

वक्ताओं ने कहा कि आज हमारा प्रदेश पूर्ण वयस्क हो चुका है। आज हम 25 साल की आयु में प्रवेश कर चुके हैं। मगर, आज भी हम कई मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे हैं। इसमें शिक्षा, चिकित्सा, सड़क, खेल का मैदान, अग्निशमन केंद्र, केंद्रीय विद्यालय, महाविद्यालय में पद और विषय, विद्युत फीडर जैसी समस्याएं शामिल हैं। इन सभी समस्याओं का जिक्र पत्र में किया गया है।

वहीं, विधायक मदन सिंह बिष्ट ने इस संबंध में कहा कि आज के दिन अगर जनता को अपने खून से सरकार को खत लिखना पड़े, तो यह सरकार की विफलता को दर्शाता है।

गेवाड़ विकास संघर्ष समिति के अध्यक्ष गजेन्द्र सिंह नेगी ने कहा, “यह पत्र हमने इसलिए लिखा है, क्योंकि पिछले डेढ़ सालों में हम लोग मुख्यमंत्री से पांच बार मिल चुके हैं। इस दौरान, हम उनसे गेवाड़ की सभी समस्याओं का जिक्र करक चुके हैं। जिसमें हमने सभी कॉलेजों को डिग्री कॉलेजों का दर्जा देने की मांग की है। इसके अलावा, अस्पतालों में चिकित्सकों की नियुक्ति करने की मांग की है, ताकि किसी मरीज के उपचार में बाधा ना पहुंचे। हम 30 बिंदुओं को लेकर मुख्यमंत्री से मिल चुके हैं। लेकिन, हर बार वो हमें आश्वासन देकर रवाना कर देते हैं, जिसे देखते हुए हमने फैसला किया है कि जब हम जिंदा जाते हैं, तो वो हमारी बातों को तवज्जो नहीं देते हैं, इसलिए हमें लगा कि हम अगर खून से पत्र लिखेंगे तो शायद हमारी समस्याओं पर विचार किया जाए।”

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