गणतंत्र दिवस परेड में रविवार को हरियाणा की झांकी ने कुरुक्षेत्र में पांडवों और कौरवों के बीच हुए पौराणिक युद्ध के दौरान दिए गए भगवद् गीता के संदेश को श्रद्धांजलि दी। झांकी में राज्य की तकनीकी नवाचार, महिला सशक्तिकरण और यहां के लोगों की वीरता को भी दर्शाया गया।
झांकी के सामने वाले हिस्से में कुरुक्षेत्र के युद्ध के मैदान को दर्शाया गया है, जहाँ भगवान कृष्ण ने अर्जुन को अपनी शिक्षाएँ दी थीं। इसमें ज्योतिसर पर ज़ोर दिया गया है, वह स्थान जहाँ भगवान कृष्ण ने दिव्य संदेश दिया था। ज्योतिसर, जो अब कुरुक्षेत्र शहर में स्थित है, एक तीर्थ स्थल है।
झांकी के मध्य भाग में सूरजकुंड मेले से प्रेरित एक शिल्प गाड़ी प्रदर्शित की गई थी, जिसमें सरकंडा शिल्प, चमड़े की जूतियां, चोप, बाघ, फुलकारी, रेवाड़ी के पीतल के बर्तन और सुराही जैसे हस्तशिल्प प्रदर्शित किए गए थे।
झांकी में ऐतिहासिक रूप से ग्रामीण हरियाणा को एक विकसित औद्योगिक राज्य के रूप में प्रदर्शित किया गया। इसमें बालिकाओं के कल्याण के लिए केंद्र की ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना की भी सराहना की गई।
झांकी के अंतिम भाग में दिखाया गया कि किस प्रकार हरियाणा को एक खेल महाशक्ति के रूप में मान्यता मिल गई है, जो ओलंपिक और राष्ट्रमंडल खेलों सहित अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत के 30 प्रतिशत से अधिक पदकों में योगदान देता है।
इस वर्ष हरियाणा के एथलीटों ने 16 ओलंपिक और पैरालंपिक पदक जीते।
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