सोनीपत, 29 जून कुंडली स्थित फैक्ट्री, जहां 15 मई को भीषण आग लगने से छह लोगों की मौत हो गई थी और 20 से अधिक लोग झुलस गए थे, फैक्ट्री अधिनियम के तहत वैध पंजीकरण और एनओसी के बिना चल रही थी।
छह लोगों की जान चली गई पियाऊ मन्यारी में कत्था बनाने वाली फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। इसमें तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
यह बात सोनीपत के उपायुक्त मनोज कुमार द्वारा घटना की जांच के लिए गठित संयुक्त समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में सामने आई। पियाऊ मन्यारी में कत्था बनाने वाली फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। इसमें तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
इसे गंभीरता से लेते हुए डीसी ने मामले की जांच के लिए एसडीएम अमित खत्री की निगरानी में सात सदस्यीय कमेटी गठित की थी।
टीम ने 29 मई को घटनास्थल का दौरा किया और जांच के दौरान पाया कि बॉयलर में कोई विस्फोट नहीं हुआ था, वह पूरी तरह से सुरक्षित था। बॉयलर का हेडर और स्टीम पाइपलाइन अव्यवस्थित हो गए थे, जिससे विस्फोट हुआ। समिति ने संदेह जताया कि आग का कारण अत्यधिक गर्मी के कारण प्रेशर रिलीज वाल्व (पीआरवी) का फेल होना था।
दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीसीआरयूएसटी), मुरथल के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर एवं अध्यक्ष डॉ. अवधेश कुमार शर्मा के अनुसार, इस भीषण विस्फोट का मुख्य कारण बॉयलर यूनिट के पास स्थित प्रेशर वेसल था। वेसल में प्रेशर कंट्रोलर/रेगुलेटर की विफलता के कारण प्रेशर खतरनाक रूप से बढ़ गया, जिससे विस्फोट हुआ।
सूत्रों के अनुसार, उस समय फैक्ट्री में 10 कर्मचारी काम कर रहे थे। यूनिट के कुछ हिस्से ढहने से उनमें से तीन मलबे में दब गए। घायलों को अस्पताल ले जाया गया, जहां तीन और की मौत हो गई।
फैक्ट्री के आस-पास की इमारतें भी सुरक्षित नहीं हैं। निरीक्षण के दौरान कई अन्य उल्लंघन भी पाए गए। रिहायशी इलाके में स्थित यह फैक्ट्री बिना लाइसेंस और पंजीकरण के चल रही थी और कर्मचारी ईएसआईसी में पंजीकृत नहीं थे। फैक्ट्री में आग से बचाव के लिए कोई उचित उपकरण नहीं थे।
फैक्ट्री मालिक सुरेश बंसल और सुशील बंसल, ठेकेदार अक्षत गुप्ता और दो अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
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