July 24, 2024
National

सारे धर्म समान बताने वाले नेताओं ने कुरान और बाइबिल नहीं पढ़ी : विनायक राव

रतलाम, 28 मई । विश्व हिंदू परिषद का मध्य प्रदेश के रतलाम में प्रशिक्षण वर्ग चल रहा है। इस प्रशिक्षण वर्ग में हिस्सा लेने आए सह संगठन महामंत्री विनायक राव देशपांडे ने पाकिस्तान की नीतियों पर हमला बोलते हुए कहा कि पाक पहले समझौता करता है और उसके बाद आतंकवाद को पोषित करता है।

विहिप के प्रशिक्षण वर्ग में पूरे प्रांत (इंदौर और उज्जैन सम्भाग) के 28 जिलों के चयनित शिक्षार्थी प्रशिक्षण ले रहे हैं। इनकी संख्या 100 से अधिक है। यह वर्ग 4 जून तक चलने वाला है। मंगलवार को प्रशिक्षण वर्ग में विशेष रूप से केंद्रीय सह संगठन महामंत्री विनायक राव देशपांडे और केंद्रीय प्रचार-प्रसार प्रमुख और प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी उपस्थित रहे।

विनायक राव ने कहा कि बार-बार हमारे मंदिरों को तोड़ा जाता है, हमारी माताओं-बहनों पर अत्याचार किए जाते हैं, हमारे मान बिंदुओं पर हमले होते हैं, इसको समझने की आवश्यकता है। हमारे राजाओं ने मुस्लिम आक्रांताओं को बार-बार छोड़ा पर उन्हीं ने फिर हम पर आक्रमण किए। भारत ने युद्ध में 90 हजार पाकिस्तानी सैनिकों को बंधक बना कर वापस छोड़ दिया था, पाकिस्तान हमेशा समझौता करता है, फिर आतंकवाद को पोषित करता है।

उन्होंने कहा कि हमारे नेता कहते हैं सारे धर्म समान हैं, ऐसा बोलने वाले नेताओं ने न कुरान पढ़ी है, न बाइबिल। कुरान में 24 ऐसी आयतें हैं, जो कुरान को नहीं मानने वालों के विरोध में हैं। इस्लाम और ईसाई धर्म में एक-एक धर्मग्रंथ हैं, वो एक ही ईश्वर पूजने की बात करते हैं। हमारे यहां सभी को अपनी श्रद्धा अनुसार उपासना की आजादी है, हम कहते हैं ईश्वर एक है, उनके रूप अनेक हैं, सब में ईश्वर है, वो सर्वव्यापी है। उनके मजहब में उनके ईश्वर संदेश वाहक भेजते हैं, हमारे धर्म में भगवान स्वयं अवतार लेकर धरती पर आते हैं। वो कहते हैं, हमारा ईश्वर ही एकमात्र ईश्वर है। हम कहते हैं, हमारे भगवान भी भगवान हैं। हमारे धर्म में सभी को मोक्ष और ईश्वर की प्राप्ति के मार्ग बताए गए हैं।

सनातन में महिला की स्थिति का जिक्र करते हुए विनायक राव ने कहा कि हमारे यहां नारी को देवी रूप में सम्मान दिया जाता है, हम धन की देवी को लक्ष्मी, शक्ति की देवी को दुर्गा, विद्या की देवी को सरस्वती के रूप में पूजते हैं, नारी का यह सम्मान सिर्फ हिंदू धर्म में ही है। अन्य मतपंथ के अनुसार, महिलाओं को कोई विशेष अधिकार नही हैं।

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