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अयोध्या की तरह संभल भी चमकेगा : गोविंदानंद सरस्वती

Like Ayodhya, Sambhal will also shine: Govindanand Saraswati

संभल, 2 जनवरी । उत्तर प्रदेश के संभल में कई साल से बंद पड़े मंदिर के खुलने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। इसी क्रम में स्वामी गोविंदानंद सरस्वती महाराज हनुमान जी की जन्मस्थली कर्नाटक से ‘किष्किंधा रथ’ लेकर पहुंचे हैं। उन्होंने संभल के प्राचीन कार्तिकेय महादेव मंदिर में दर्शन-पूजन किया।

उन्होंने कहा कि अयोध्या की तरह संभल भी चमकेगा। हम यहां आकर अत्यंत खुश हुए हैं। यहां पर एक ऐतिहासिक कार्य पूरा हो गया है। जल्द ही कल्कि भगवान की जन्मभूमि का पुनः वैभव देखेंगे। अयोध्या की तरह यह भी चमकेगा। ऐसे ही जल्द संभल दुनिया में सबसे बड़ा क्षेत्र होगा। इसके लिए हनुमंत जन्मभूमि से हनुमान जी ने कल्कि भगवान दर्शन किया। पीएम मोदी और मुख्यमंत्री योगी इसे जल्द से जल्द अयोध्या की तरह दिव्य क्षेत्र के रूप में विकसित करें।

उन्होंने कहा कि संभल के लोग बहुत धन्य हैं। जो इस क्षेत्र में रह रहे हैं। संपूर्ण संभल वासियों का किष्किंधा में स्वागत है। यहां पर भगवान का प्राकट्य उत्सव और कल्कि जयंती भी मनाएंगे। हर साल वार्षिक उत्सव, मास उत्सव, पाक्षिक और दिव्य उत्सव भी मनाए जाएंगे। कल्कि भगवान का मूल जन्म स्थली में जहां खुदाई हो रही है, सभी जगहों का जीर्णोद्धार होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि मान्यता है कि भगवान कल्कि का अवतार स्थल संभल ही है। यह धरती वैभव को पुनः प्राप्त कर रही है। जैसे रामजन्मभूमि, कृष्ण जन्मभूमि चमक रही है, वैसे ही भविष्य के इस स्थली का भी उद्धार होना चाहिए। सभी काम भगवान की प्रेरणा से हो रहे हैं।

रथ और स्वामी जी के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी मंदिर पहुंचे। स्वामी गोविंदानंद सरस्वती ने भगवान श्री कल्कि के दर्शन करने के बाद हनुमान जी की प्रतिमा को भी भगवान श्री कल्कि के दर्शन कराए।

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