पहली बार देश के छह प्रमुख मंदिरों में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान 5 से 11 दिसंबर तक आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का सीधा प्रसारण किया गया।
लाइव प्रसारण के लिए, सूचना, जनसंपर्क और भाषा निदेशालय द्वारा पांच विशेष प्रचार रथों को श्री जगन्नाथ मंदिर, ओडिशा के तीर्थ स्थलों पर भेजा गया था; श्री बांके बिहारी मंदिर, वृन्दावन; और कृष्ण जन्मभूमि मंदिर, मथुरा, उत्तर प्रदेश; श्री महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन, मध्य प्रदेश; द्वारकाधीश मंदिर, गुजरात; और ठिकाना मंदिर श्री गोविंद देव, जयपुर, राजस्थान।
कुरुक्षेत्र की उपायुक्त नेहा सिंह ने कहा, “अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव ने दुनिया भर में लोकप्रियता हासिल की है। लोग इस महोत्सव में शामिल होना चाहते हैं। लाखों लोग महोत्सव में शामिल होने के लिए कुरुक्षेत्र आते हैं, वहीं करोड़ों लोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से महोत्सव से जुड़ते हैं। पहली बार राज्य सरकार ने प्रचार रथ भेजकर देश के प्रमुख स्थानों पर अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के कार्यक्रमों का सीधा प्रसारण करने की व्यवस्था की है।”
इन प्रचार वाहनों पर बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई गई थीं, जिन पर अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का ग्लोबल गीता पाठ, पुरुषोत्तमपुरा बाग स्थित ब्रह्मसरोवर की दैनिक महाआरती, मुख्य मंच के सांस्कृतिक कार्यक्रम, ओडिशा मंडप, हरियाणा मंडप, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय गीता सेमिनार, 48 कोस तीर्थ सम्मेलन, अखिल भारतीय देवस्थानम सम्मेलन, दीपदान, दीपोत्सव व अन्य कार्यक्रमों का प्रसारण किया गया।
कुरुक्षेत्र जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी डॉ. नरिंदर सिंह ने बताया, “तीर्थ स्थलों पर इन कार्यक्रमों को दिखाने के लिए ऑनलाइन लाइव लिंक तैयार किए गए थे और उन तीर्थ स्थलों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने आईजीएम के कार्यक्रमों को देखा। महानिदेशक केएम पांडुरंग के निर्देशों के बाद, कार्यक्रमों का सुचारू प्रसारण सुनिश्चित करने के लिए विभाग के पांच जनसंपर्क अधिकारियों को पांच तीर्थ स्थलों पर तैनात किया गया था।”
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 28 नवंबर को शुरू हुआ और 15 दिसंबर को समाप्त होगा।
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