पालमपुर, 18 जून बैजनाथ और पपरोला कस्बों के निवासियों ने आज कस्बों से गुजरने वाले पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगातार लगने वाले यातायात जाम को लेकर विरोध दर्ज कराया।
‘बाईपास की जरूरत’ यदि बाईपास का निर्माण हो जाए तो इससे दोनों कस्बों में यातायात का बोझ कम हो जाएगा, खासकर भारी वाहनों का, जो जाम का कारण बनते हैं। – घनश्याम अवस्थी, स्थानीय व्यवसायी
‘राजमार्ग एनएचएआई की संपत्ति’ राज्य लोक निर्माण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 219 किलोमीटर लंबा पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग पांच साल पहले एनएचएआई को हस्तांतरित कर दिया गया था और अब यह विभाग की संपत्ति नहीं है। अधिकारी ने कहा कि जब तक राष्ट्रीय राजमार्ग एनएचएआई के पास है, यह संगठन की संपत्ति है और राज्य सरकार को इस पर बाईपास बनाने का कोई अधिकार नहीं है।
प्रदर्शनकारियों के अनुसार, संबंधित अधिकारी यातायात जाम के मूकदर्शक बने हुए हैं और उनकी निष्क्रियता से क्षेत्रवासियों की परेशानियां बढ़ रही हैं। प्रदर्शनकारी निवासियों ने स्थानीय लोगों को जाम से बचाने के लिए कस्बों के बाहर बाईपास के निर्माण की मांग की।
पर्यटन सीजन के चरम पर होने के कारण स्थिति बद से बदतर हो गई है। यातायात जाम के कारण क्षेत्र के निवासियों की दैनिक दिनचर्या और व्यवसाय प्रभावित हो रहे हैं।
द ट्रिब्यून से बात करते हुए कुछ प्रदर्शनकारियों ने बताया कि कल इस जगह पर तीन घंटे तक जाम लगा रहा। उन्होंने बताया कि निवासियों को उम्मीद थी कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) शहर से गुजरने वाले एनएच के चार लेन के उन्नयन के दौरान इस पर बाईपास का निर्माण करेगा।
हालांकि, एनएचएआई ने राजमार्ग के संरेखण को बदल दिया है और अब एक नई सड़क बनाने की योजना बना रहा है, जो इन कस्बों से होकर नहीं गुजरेगी, उन्होंने कहा कि बाईपास सड़क बनाने की योजना को स्थगित कर दिया गया है। निवासियों ने मांग की कि एनएचएआई एनएच को राज्य सरकार को सौंप दे, जिसे यातायात की स्थिति को ध्यान में रखते हुए अपने स्वयं के धन से ताशी जोंग मठ से बैजनाथ रेलवे क्रॉसिंग तक बाईपास सड़क का निर्माण करना चाहिए, जो दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है।
मुख्य संसदीय सचिव एवं बैजनाथ के विधायक किशोरी लाल ने स्वीकार किया कि स्थिति गंभीर है तथा कस्बों से गुजरने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग स्थानीय लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है।
उन्होंने कहा कि उन्होंने यह मुद्दा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के समक्ष कई बार उठाया था, जिन्होंने शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया था तथा लोक निर्माण विभाग को निर्माण की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट सरकार को सौंपने को कहा था।
पठानकोट-मंडी राजमार्ग राज्य की सबसे व्यस्त सड़कों में से एक है और इस सड़क पर अक्सर लगने वाले ट्रैफिक जाम से न केवल व्यापारियों को बल्कि आम आदमी को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
इस सड़क पर अक्सर एम्बुलेंस, अग्निशमन ट्रक और पुलिस वाहन लंबे समय तक यातायात में फंसे रहते हैं, जिससे जनता को काफी असुविधा होती है।
स्थानीय व्यवसायी घनश्याम अवस्थी ने कहा, “यदि बाईपास का निर्माण हो जाता है तो इससे दोनों शहरों में यातायात का बोझ कम करने में मदद मिलेगी, विशेषकर भारी वाहनों का, जो जाम का कारण बनते हैं।”
राज्य लोक निर्माण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 219 किलोमीटर लंबा पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग पांच साल पहले एनएचएआई को हस्तांतरित कर दिया गया था और अब यह विभाग की संपत्ति नहीं है।
अधिकारी ने कहा कि जब तक राजमार्ग एनएचएआई के पास है, यह संगठन की संपत्ति है और राज्य सरकार को इस पर बाईपास बनाने का कोई अधिकार नहीं है।