N1Live Haryana राजनेताओं का गढ़, लोवा खुर्द गांव बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहा है
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राजनेताओं का गढ़, लोवा खुर्द गांव बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहा है

Lova Khurd village, a stronghold of politicians, is yearning for basic facilities.

लोवा खुर्द गांव में बाहरी सड़क पर गड्ढे हो गए हैं और नालियां लबालब भरी हैं। यह उस गांव की स्थिति है, जिसने दिल्ली और हरियाणा की सीमा पर स्थित बहादुरगढ़ विधानसभा क्षेत्र को तीन विधायक दिए हैं- सूरजमल जून, उनके बेटे राजेंद्र जून और नरेश कौशिक।

पिछले चार चुनावों से ग्रामीण बहादुरगढ़ से विधायक चुने जा रहे हैं, लेकिन जलभराव की पुरानी समस्या अभी भी अनसुलझी है।

इस बार भी झज्जर-बहादुरगढ़ रोड पर स्थित लोवा खुर्द के तीन मूल निवासी राजेंद्र जून (निवर्तमान विधायक), राजेश जून और दिनेश कौशिक बहादुरगढ़ से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं।

गांव के निवासी अजय जून ने बताया, “गांव की बाहरी सड़क पिछले तीन सालों से खस्ताहाल है। सड़क पर बने गहरे गड्ढे हादसों का बड़ा कारण बन रहे हैं और वाहनों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। हमने कई बार मौजूदा और पूर्व विधायकों से इसकी मरम्मत करवाने की मांग की है, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।”

एक अन्य ग्रामीण रवि ने बताया कि वे लंबे समय से जलभराव की समस्या से जूझ रहे हैं। उन्होंने बताया, “जल निकासी व्यवस्था ठीक न होने के कारण हल्की बारिश में ही सड़कों और गांव की बाहरी सड़क पर पानी जमा हो जाता है। पानी निकासी के नाम पर गांव के बाहरी इलाके में एक छोटा तालाब है, लेकिन वह भी ओवरफ्लो हो रहा है।”

एक अन्य ग्रामीण संदीप ने बताया कि घरों के बाहर नालियों के ओवरफ्लो होने के कारण गंदा पानी गलियों में जमा हो जाता है। उन्होंने कहा, “जमा हुआ पानी न केवल दुर्गंध फैलाता है, बल्कि वेक्टर जनित बीमारियों को भी आमंत्रित करता है। मौजूदा और पूर्व विधायक गांव में नहीं रहते, लेकिन चुनाव के समय वोट मांगने आते हैं।”

सरपंच विनोद जून ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों के सामने गड्ढों वाली सड़क और जलभराव की समस्या को उठाया था, लेकिन किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा, “मैंने गांव को यहां से 1 किलोमीटर दूर से गुजरने वाले नाले से जोड़ने के लिए स्टॉर्मवॉटर पाइप बिछाने का भी सुझाव दिया था, ताकि गांव से बारिश के पानी की तत्काल निकासी सुनिश्चित हो सके, लेकिन किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की। गांववाले इस समस्या से इतने परेशान हैं कि उन्होंने चुनाव का बहिष्कार करने पर विचार करना शुरू कर दिया है, लेकिन यह समस्या का समाधान नहीं है।”

लोवा खुर्द निवासी सूरजमल जून 1991-1996 तक बहादुरगढ़ से विधायक रहे। उसके बाद उनके बेटे राजेंद्र जून 2005, 2009 और 2019 के विधानसभा चुनावों में विधायक चुने गए, जबकि नरेश कौशिक 2014 में बहादुरगढ़ से विधायक बने।

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