January 19, 2025
Uttar Pradesh

महाकुंभ : शिविरों और पंडालों की भव्यता से श्रद्धालु मुग्ध, कहा- ऐसा भव्य कुंभ नहीं देखा

Maha Kumbh: Devotees were fascinated by the grandeur of the camps and pandals, said – have never seen such a grand Kumbh

महाकुंभ नगर, 19 जनवरी । इस बार धर्म आस्था के कुंभ में अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं। कुंभ मेला क्षेत्र या प्रयागराज शहर, इनको बड़ी खूबसूरती से सजाया गया है। मेले के अंदर बने शिविरों के गेट पूरी भव्यता के साथ सजे हुए हैं। उनके अंदर प्रवेश करने के बाद श्रद्धालुओं को दिव्य अनुभव हो रहा है।

गेट के माध्यम से अलग-अलग मंदिर या थीम श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहे हैं, जिन्हें वे अपने मोबाइल में कैद कर रहे हैं और अपनों को भेज रहे हैं। इस महाकुंभ में चौक, दंडीवाडा, आचार्यवाड़ा और प्रयागवाल समेत सभी संस्थाओं के शिविर बनकर तैयार हो गए हैं। हर बार की तरह, इस बार भी शिविरों को आकर्षक तरीके से सजाया गया है, लेकिन सबसे ज्यादा आकर्षक का केंद्र पंडालों के प्रवेश द्वार हैं, जो देखने लायक हैं।

सेक्टर 9 में स्थित कैलाश आनंद के शिविर में काशी विश्वनाथ, केदारनाथ तो कहीं बद्रीनाथ जैसे तमाम ऐतिहासिक मठ और मंदिर देखने को मिल रहे हैं। आने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि इस दिव्य और भव्य कुंभ में आने से ऐसा लगता है कि हमें सारे धार्मिक स्थलों के एक साथ दर्शन हो रहे हैं।

उज्जैन से आए एक श्रद्धालु आंजनेय शर्मा ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हम गेट के अंदर जाकर देखकर आए हैं, जहां ऐसी व्यवस्थाएं हैं जिनकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है। यहां बहुत अच्छा लग रहा है। हमारे सनातन धर्म का उत्थान हो रहा है। पिछली सरकारों में भी कुंभ होते रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री योगी ने भव्य कुंभ का आयोजन किया है और ऐसा कुंभ 144 साल बाद आया है। यहां कई कैंप हैं। बड़े-बड़े साधु-संत अपनी दिव्य वाणी से हम जैसे श्रद्धालुओं का जीवन सफल करा रहे हैं। यहां बहुत आनंद है।”

एक और श्रद्धालु किरण शर्मा ने बताया, “यह देखकर बहुत अच्छा लग रहा है कि कुंभ ने सबको एक जगह कर दिया है। कहीं काशी का टेंट है, कहीं हनुमान जी का, जिनके सब दर्शन कर सकते हैं। इस समय कुंभ में सब देवी-देवता और मंदिर यहीं पर विराजमान दिख जाएंगे। आप अलग-अलग पंडालों में भगवान के दर्शन कर सकते हैं। आपको भव्य दर्शन के लिए कुंभ के अलावा कहीं और जाने की जरूरत नहीं है। मैंने अभी तक दो कुंभ देखे हैं, लेकिन इस कुंभ की बात अलग है। सबसे अच्छा इस बार ही लग रहा है।”

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