N1Live Uttar Pradesh महाकुंभ : श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़ा ने छावनी क्षेत्र में किया भव्य प्रवेश
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महाकुंभ : श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़ा ने छावनी क्षेत्र में किया भव्य प्रवेश

Mahakumbh: Shri Panchayati Naya Udasin Akhara made a grand entry in the cantonment area.

महाकुंभ नगर, 11 जनवरी । संगम की पावन रेती पर धर्म, अध्यात्म और भक्ति की त्रिवेणी प्रवाहित हो रही है। महाकुंभ के आकर्षण अखाड़ों की मौजूदगी से पूरा कुंभ क्षेत्र दीप्तिमान हो रहा है। संन्यासी अखाड़ों और वैष्णव अखाड़ों के बाद अब अखाड़ा सेक्टर में उदासीन संप्रदाय के अखाड़ों की मौजूदगी भी दर्ज हो गई है। इसी क्रम में उदासीन संप्रदाय के श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन ने भी पूरी भव्यता के साथ अपनी छावनी प्रवेश यात्रा निकाली।

महाकुंभ नगर में भक्ति और अध्यात्म की दुनिया बस गई है, इसमें सनातन धर्म के सभी सम्प्रदाय अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं। शिव उपासक शैव अखाड़ों के ‘हर हर महादेव’ और वैष्णव अखाड़ों के ‘जय श्रीराम’ के उद्घोष के बाद अब कुंभ क्षेत्र में उदासीन अखाड़ों के ‘जय श्री चंद्र’ का उद्घोष भी गूंजने लगा है।

महाकुंभ क्षेत्र में श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन की छावनी प्रवेश यात्रा में इसकी भव्यता देखने को मिली। संगत साहब की संत परंपरा को मानने वाले इस श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन के कुंभ प्रवेश यात्रा को देखने के शहर से लेकर कुंभ क्षेत्र तक श्रद्धालुओं की आस्था उमड़ पड़ी। आगे-आगे अखाड़े के पूज्य इष्ट श्री चंद्रदेव भगवान की पालकी और पीछे-पीछे अखाड़े के महंतों और साधुओं का जुलूस किसी दिव्य अनुभव से कम नहीं था।

छावनी प्रवेश यात्रा में भ्रमणशील रमता पंच के साथ-साथ गुरु नानक की गुरबाणी गूंज रही थी। अखाड़े के सचिव महंत जगतार मुनि का कहना है कि छावनी प्रवेश यात्रा में 7,000 से अधिक साधु-संतों, महंत, श्री महंत और महामंडलेश्वरों ने हिस्सा लिया।

श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन की छावनी प्रवेश यात्रा की शुरुआत मुट्ठीगंज की मुंशी राम बगिया से हुई। शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए यह महाकुंभ क्षेत्र पहुंची। विभिन्न स्थानों पर स्थानीय नागरिकों ने संतों पर पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया।

अखाड़े के सचिव महंत जगतार मुनि का कहना हैं कि महाकुंभ मेला क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद अखाड़े की तरफ से विविध धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक आयोजन होंगे। जात-पात और ऊंच-नीच को स्वीकार न करने वाले इस अखाड़े में प्रतिदिन हजारों लोगों के लिए लंगर चलेगा, चिकित्सा शिविर लगाए जाएंगे और संतों के प्रवचन होंगे।

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