महाकुंभ नगर, 19 जनवरी । उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए महर्षि भारद्वाज का आश्रम आकर्षण का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। यह आश्रम न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि ऐतिहासिक और पौराणिक दृष्टि से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। मान्यताओं के अनुसार, महर्षि भारद्वाज ने यहीं पर विमान उड़ाने की तकनीकी खोजी थी और उनकी पहचान विमान निर्माण के पहले महान ऋषि के रूप में होती है।
प्रयागराज स्थित यह आश्रम सनातन संस्कृति का प्रतीक है और यह सदियों से श्रद्धा का केंद्र रहा है। भारद्वाज मुनि के आश्रम की महिमा पूरी दुनिया में फैली हुई है। महाकुंभ के दौरान यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, खासकर आश्रम में कॉरिडोर का निर्माण होने के बाद।
धार्मिक कथाओं के अनुसार, प्रभु श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण ने वन गमन से पहले भारद्वाज मुनि के आश्रम में विश्राम किया था। यहीं से ऋषि ने उन्हें चित्रकूट जाने की सलाह दी थी। लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद अयोध्या लौटते समय प्रभु श्रीराम फिर अपने भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता के साथ भारद्वाज मुनि से मिलने उनके आश्रम आए थे।
आश्रम के बाहर 51 फीट की विशाल प्रतिमा स्थापित की गई है, जो श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बन गई है। महाकुंभ के दौरान देश-विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालु इस स्थल पर दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। आश्रम के पुनर्निर्माण का काम योगी सरकार ने किया है, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
पुजारी कुंभनाथ गोस्वामी ने आईएएनएस को बताया कि इस पुनर्निर्माण के बाद आश्रम की छवि पूरी तरह से बदल गई है और अब यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि महर्षि भारद्वाज को आयुर्वेद के जनक के तौर पर भी जाना जाता है। यहां पर श्रद्धालु उनकी ज्ञान और शिक्षाओं को जानने के लिए आते हैं।
इसके अलावा, महर्षि भारद्वाज ने विमान निर्माण की तकनीक पर काम किया था और यह आश्रम इस महत्वपूर्ण खोज के प्रतीक के रूप में स्थापित है। आश्रम में विशेष रूप से प्राचीन भारतीय विमान निर्माण कला को दर्शाते हुए भित्तिचित्र बनाए गए हैं, जिनमें महर्षि भारद्वाज से जुड़ी कहानियां और उनके अद्भुत कार्यों का वर्णन किया गया है।
श्रद्धालु महेंद्र अग्रवाल ने बताया कि यहां का माहौल बहुत अच्छा है और सरकार ने जो भी कार्य किए हैं, वह सराहनीय है। महाकुंभ का नजारा वाकई अद्भुत है।
एक अन्य श्रद्धालु कमलेश ने कहा कि यहां का वातावरण बहुत शांति और सौम्यता से भरा हुआ है और व्यवस्था भी बहुत अच्छी है।
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