भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र (सीटू) का 11वाँ ज़िला सम्मेलन मंडी में आयोजित हुआ, जहाँ सर्वसम्मति से 35 सदस्यीय नई ज़िला समिति का चुनाव किया गया। भूपेंद्र सिंह तीसरी बार ज़िला अध्यक्ष चुने गए। राजेश शर्मा महासचिव और रमेश गुलेरिया कोषाध्यक्ष चुने गए। सुरेंदर शर्मा, बिमला शर्मा, गुरदास वर्मा, रविकांत, बिमला देवी और गोपेंद्र कुमार उपाध्यक्ष चुने गए। सचिव पद पर राजेंद्र कुमार, सुदर्शना, अंजुला, तिरमल सिंह, ललिता देवी और मान सिंह को नियुक्त किया गया।
सम्मेलन के दौरान, जिला अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने बताया कि सात महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए। इनमें लगभग 50,000 आउटसोर्स और संविदा कर्मचारियों को नियमित करने और उन्हें विभागीय कर्मचारियों का दर्जा और लाभ देने के लिए एक स्पष्ट नीति बनाने की मांग शामिल थी। संघ ने यह भी मांग की कि आंगनवाड़ी, मध्याह्न भोजन और आशा कार्यकर्ताओं को सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन और अन्य वित्तीय सहायता के साथ नियमित सरकारी कर्मचारी बनाया जाए।
उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को ऑनलाइन ड्यूटी के लिए आईफोन उपलब्ध कराने, सहायिकाओं के लिए पदोन्नति नीति बनाने और मध्याह्न भोजन योजना के लिए सभी स्कूलों में उचित स्टाफिंग की मांग की। उन्होंने यह भी मांग की कि छात्र संख्या के आधार पर किसी भी कार्यकर्ता को न हटाया जाए, लंबित 500 रुपये मानदेय वृद्धि जारी की जाए और केंद्र व राज्य के मानदेय का भुगतान एक साथ किया जाए।
अन्य मांगों में सभी मनरेगा जॉब कार्ड धारकों के लिए काम की गारंटी और उन लोगों को काम देने से इनकार करने वाले सभी आदेशों को वापस लेना शामिल था जिनके पति या पत्नी किसी अन्य नौकरी में हैं। यूनियन ने आग्रह किया कि मनरेगा के तहत सभी श्रमिकों को कानून के अनुसार काम दिया जाए। उन्होंने राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड द्वारा वित्तीय सहायता के वितरण में देरी पर भी चिंता जताई और इसके कामकाज में राजनीतिक हस्तक्षेप को समाप्त करने की मांग की।
यूनियन ने शहरी रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं की समितियों की नियमित बैठकें, उचित पंजीकरण और लाइसेंस जारी करने की माँग की। एम्बुलेंस कर्मचारियों के लिए, उन्होंने 12 घंटे की शिफ्ट के लिए ओवरटाइम वेतन, न्यूनतम वेतन लागू करने, कानूनी नियम बनाने और उचित छुट्टियों, वाहनों की मरम्मत और पीएफ व ईएसआई जैसे सामाजिक सुरक्षा लाभों के प्रावधान की माँग की।