मंडी, 8 जुलाई भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने पर्यावरण की सुरक्षा करते हुए आतिथ्य मानकों को बढ़ाने के उद्देश्य से होटल, लॉज, रिसॉर्ट और होमस्टे के लिए स्वैच्छिक स्वच्छता रेटिंग प्रणाली शुरू की है।
मंडी के अतिरिक्त उपायुक्त रोहित राठौर ने कहा कि स्वच्छता ग्रीन लीफ रेटिंग (सीजीएलआर) न केवल पर्यावरण स्वच्छता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, बल्कि पर्यटन गतिविधियों को भी बढ़ावा देगी।
सीजीएलआर प्रणाली के कार्यान्वयन के लिए उद्घाटन बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने आतिथ्य सुविधाओं के संचालकों से इस पहल में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह किया।
राठौर ने कहा, “रेटिंग का उद्देश्य आतिथ्य क्षेत्र में स्वच्छता और सफाई के वैश्विक मानकों को बढ़ावा देना, जल निकायों में प्रदूषण को रोकना और समग्र पर्यावरणीय स्वच्छता सुनिश्चित करना है।” इस पहल के तहत, भारत सरकार पर्यटन मंत्रालय के सहयोग से ठोस अपशिष्ट, मानव अपशिष्ट और ग्रेवाटर के प्रबंधन के आधार पर होटल, रिसॉर्ट, होमस्टे, लॉज और धर्मशालाओं का मूल्यांकन करेगी। उनके प्रदर्शन के आधार पर उन्हें एक, तीन या पांच पत्ते दिए जाएंगे, जिसमें उच्च पत्ती रेटिंग बेहतर स्वच्छता प्रबंधन का संकेत देती है।
राठौर के अनुसार, स्वैच्छिक रेटिंग प्रणाली के तीन चरण होंगे – अभिमुखीकरण, स्वैच्छिक घोषणा और सत्यापन। इस प्रक्रिया की देखरेख जिला और उप-विभागीय समितियों द्वारा की जाएगी, जिसमें जिला ग्रामीण विकास एजेंसी के परियोजना अधिकारी जिला स्तर पर सदस्य सचिव के रूप में कार्य करेंगे, और उप-विभागीय स्तर पर खंड विकास अधिकारी। डीआरडीए परियोजना अधिकारी मंडी गोपी चंद पाठक, जिला पर्यटन विकास अधिकारी मनोज कुमार, विभिन्न ब्लॉकों के खंड विकास अधिकारियों के साथ-साथ होटल, होमस्टे और अन्य विभागों के प्रतिनिधियों सहित प्रमुख अधिकारियों ने कार्यान्वयन रूपरेखा पर चर्चा करने के लिए बैठक में भाग लिया।
सीजीएलआर पहल का उद्देश्य न केवल आतिथ्य क्षेत्र में स्वच्छता मानकों को बढ़ाना है, बल्कि वैश्विक पर्यावरणीय लक्ष्यों के साथ संरेखित स्थायी प्रथाओं को प्रोत्साहित करना भी है। इस पहल से पर्यावरण के प्रति जागरूक यात्रियों को आकर्षित करके पर्यटन पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की उम्मीद है, साथ ही प्राकृतिक संसाधनों का दीर्घकालिक संरक्षण सुनिश्चित किया जा सकेगा।