कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने बुधवार को संसद परिसर में मास्क पहनकर विरोध प्रदर्शन किया और केंद्र पर हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण के कारण उत्पन्न सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल पर बहस करने से इनकार करने का आरोप लगाया। हुड्डा ने कहा कि उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में जीवन यापन की परिस्थितियाँ खतरनाक हो गई हैं। उन्होंने सरकार पर सवाल उठाया कि उनके अनुसार सरकार संसद में वायु प्रदूषण पर संक्षिप्त चर्चा की भी अनुमति नहीं देती।
उन्होंने केंद्र सरकार से बिगड़ती वायु गुणवत्ता पर तत्काल ध्यान देने और इसे दूर करने की जिम्मेदारी स्वीकार करने का आग्रह किया।
संसदीय हस्तक्षेप की मांग करते हुए कांग्रेस सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को इस स्थिति के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और सभी प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बैठक बुलानी चाहिए। उन्होंने कहा कि संसद को वायु प्रदूषण पर विस्तृत चर्चा करनी चाहिए, सभी दलों से सुझाव लेने चाहिए और जनता के सामने एक ठोस कार्य योजना रखनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष इस संकट से निपटने के किसी भी गंभीर प्रयास का समर्थन करेगा।
हुड्डा ने बताया कि वायु प्रदूषण पर एक भी चर्चा हुए बिना शीतकालीन सत्र समाप्त होने वाला है। उन्होंने कहा कि हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर और पड़ोसी राज्यों में वायु गुणवत्ता का स्तर इतना खराब है कि लोगों का जीवन इससे प्रभावित है, इसके बावजूद विपक्ष द्वारा इस मुद्दे पर बहस कराने की बार-बार की गई मांग को खारिज कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि लोगों को जहरीली हवा में सांस लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है और इसके स्वास्थ्य जोखिमों की तुलना उन्होंने धूम्रपान से जुड़े जोखिमों से की।
हाल ही में व्यक्त की गई सार्वजनिक चिंताओं का जिक्र करते हुए हुड्डा ने कहा कि बढ़ते वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) स्तरों को लेकर नागरिकों की चिंता पूरे देश में सुनी जा चुकी है। उन्होंने आगे कहा कि हालांकि दिल्ली सरकार के एक मंत्री ने राजधानी में प्रदूषण के स्तर के लिए माफी मांगी है, लेकिन यह मुद्दा सिर्फ एक शहर तक सीमित नहीं है और इसमें केंद्रीय हस्तक्षेप की आवश्यकता है।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि विश्व के 50 सबसे प्रदूषित शहरों में से 43 भारत में हैं, जिनमें से 12 हरियाणा में स्थित हैं। हुड्डा ने याद दिलाया कि उन्होंने 2017 में स्वच्छ वायु का अधिकार विधेयक पेश किया था, जिसे सरकार ने स्वीकार नहीं किया था। उन्होंने यह भी कहा कि वायु प्रदूषण पर चर्चा के लिए लोकसभा की कार्यवाही स्थगित करने का उनका अनुरोध अस्वीकार कर दिया गया था।
हुड्डा ने चेतावनी दी कि हरियाणा, दिल्ली और आसपास के राज्यों में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है, जिससे लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि वायु गुणवत्ता को लेकर चिंता हर सर्दियों में फिर से उभरती है, लेकिन वसंत ऋतु की शुरुआत तक शांत हो जाती है, जिससे मूल समस्या अनसुलझी ही रह जाती है।

