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मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा, ‘उम्मीद है इंसाफ मिलेगा’

Maulana Khalid Rashid Farangi Mahali said, 'I hope justice will be served'

लखनऊ, 20 अप्रैल। सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को वक्फ संशोधन कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई की तारीख 5 मई रखी है। उम्मीद है कि हमें इंसाफ मिलेगा।

गुरुवार को न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन कानून 2025 की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में दूसरे दिन हुई। सुनवाई के दौरान कई महत्वपूर्ण बातें सामने निकलकर आई हैं। पहली बात जो काफी महत्वपूर्ण है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि वक्फ बाइ यूजर द्वारा जो संपत्तियां हैं उन्हें डी नोटिफाई न किया जाए। कोई भी नई नियुक्ति राज्य वक्फ और सेंट्रल काउंसिल में न किया जाए। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में 5 मई को अगली सुनवाई होगी। इससे पहले याचिकाकर्ताओं को अपना जवाब दाखिल करना है। उन्होंने कहा कि हम लोगों को उम्मीद है कि इंसाफ मिलेगा।

बता दें कि हाल ही में वक्फ कानून को संसद में बहुमत के साथ पारित किया गया। केंद्र सरकार का दावा है कि इस संशोधन से गरीब मुसलमानों का भला होगा। वक्फ की जमीनों पर अवैध कब्जा करने वाले लोगों के चंगुल से जमीन वापस लाई जाएगी। वहीं, वक्फ कानून का विपक्ष लगातार विरोध कर रहा है। विपक्ष का कहना है कि सरकार वक्फ की जमीनों पर जबरन कब्जा करना चाहती है। वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई हैं।

वक्फ कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को दूसरे दिन सुनवाई हुई। कोर्ट ने केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए सात दिन की मोहलत दी है। सरकार ने अदालत को भरोसा दिलाया कि इस दौरान डी-नोटिफिकेशन या नई नियुक्ति नहीं की जाएगी। अगली सुनवाई 5 मई को होगी। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से कहा कि यह मुद्दा ऐसा नहीं है कि कोई सेक्शन देखकर उस पर फैसला किया जाए। इसके लिए पूरे कानून और इतिहास को भी देखना होगा। कई लाख सुझावों पर गौर करके यह कानून पारित हुआ था। उन्होंने कहा कि यदि अदालत कोई आदेश जारी करती है तो उसका बहुत बड़ा प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।

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