शहर के व्यापारियों और कारोबारियों की मांगों को ध्यान में रखते हुए नगर निगम शिमला ने अपनी आगामी मासिक बैठक में ट्रेड लाइसेंस की आगे की कार्यवाही पर विचार न करने का निर्णय लिया है।
यह निर्णय व्यापारियों और कारोबारियों द्वारा नगर निगम द्वारा नगर निगम के व्यापारियों के लिए ट्रेड लाइसेंस अनिवार्य करने के निर्णय का विरोध करने के बाद लिया गया। इसके लिए शिमला व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजीव ठाकुर ने महापौर से उनकी मांगों पर विचार करने का अनुरोध किया। परिणामस्वरूप नगर निगम शिमला के महापौर सुरेन्द्र चौहान ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा। उन्होंने ठाकुर को बताया कि ट्रेड लाइसेंस के बारे में आगे का निर्णय व्यापारियों से चर्चा करने के बाद ही लिया जाएगा।
महापौर ने भविष्य में चर्चा के लिए व्यापारियों के प्रतिनिधिमंडल को भी बुलाया।
हाल ही में वित्त अनुबंध एवं योजना समिति (एफसीपीसी) की बैठक में महापौर ने प्रस्ताव रखा था कि शहर में व्यापार लाइसेंस अनिवार्य किया जाएगा। बैठक के दौरान उन्होंने कहा था कि इसके लिए एक ऑनलाइन पोर्टल भी उपलब्ध कराया जाएगा, जिसके माध्यम से व्यापारी लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकेंगे। इसके लिए कितनी फीस ली जाएगी, इस बारे में नगर निगम की मासिक हाउस मीटिंग में निर्णय लिया जाना था।
इस बीच, व्यापारियों ने इस निर्णय का विरोध करते हुए कहा कि इससे व्यापारियों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा और निगम को राजस्व कमाने में ही लाभ होगा। व्यापारियों ने यह भी चेतावनी दी कि अगर नगर निगम शहर में व्यापारियों के लिए व्यापार लाइसेंस अनिवार्य करने के निर्णय पर आगे बढ़ता है तो वे विरोध प्रदर्शन करेंगे।