कांगड़ा जिले के धगवार में एक अत्याधुनिक दूध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किया जा रहा है, जिसकी प्रारंभिक क्षमता 1.5 लाख लीटर प्रतिदिन (एलएलपीडी) होगी, जिसे 3 एलएलपीडी तक बढ़ाया जा सकता है। ‘हिम गंगा’ योजना के तहत विकसित की जा रही इस सुविधा का उद्देश्य हिमाचल प्रदेश में दूध आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। सरकार इस परियोजना के पहले चरण में 250 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है।
कांगड़ा के उपायुक्त ने मिल्कफेड के अधिकारियों के साथ निर्माण स्थल का निरीक्षण करते हुए कांगड़ा, ऊना, चंबा और हमीरपुर जिलों के पशुपालकों को लाभान्वित करने में प्लांट की भूमिका पर प्रकाश डाला। निरीक्षण के दौरान हिमाचल प्रदेश मिल्कफेड के प्रबंध निदेशक डॉ. विकास सूद भी मौजूद थे।
इस प्लांट को दूध, टोन्ड मिल्क, डबल-टोन्ड मिल्क, दही, पनीर, खोया, लस्सी और मोजरेला चीज़ सहित मूल्यवर्धित डेयरी उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला का उत्पादन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह पशुपालकों को उनके दूध के लिए एक विश्वसनीय बाज़ार प्रदान करेगा, जिससे समावेशिता और व्यापक भागीदारी सुनिश्चित होगी।
डिप्टी कमिश्नर ने इस बात पर जोर दिया कि यह सुविधा उच्च गुणवत्ता वाले डेयरी उत्पादों के प्रसंस्करण से किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि करेगी, जिससे ग्रामीण आर्थिक विकास में योगदान मिलेगा। इससे आजीविका के नए अवसर पैदा होने, डेयरी फार्मिंग की लाभप्रदता को बढ़ावा मिलने और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को समर्थन मिलने की उम्मीद है। यह पहल किसानों को सशक्त बनाने और सतत विकास को बढ़ावा देने के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के दृष्टिकोण का हिस्सा है।