हरियाणा राज्य प्रवर्तन ब्यूरो, यमुनानगर की एक टीम पर प्रताप नगर पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत बागपत गांव में अवैध खनन में शामिल वाहनों को जब्त करने का प्रयास करते समय खनन माफिया के सदस्यों द्वारा कथित तौर पर हमला किया गया।
रिपोर्ट के अनुसार, सब-इंस्पेक्टर राजेश कुमार के नेतृत्व में प्रवर्तन ब्यूरो की टीम में सहायक सब-इंस्पेक्टर (एएसआई) जरनैल सिंह और वीरेंद्र सिंह, हेड कांस्टेबल भूप सिंह और कांस्टेबल अमनदीप सिंह शामिल थे। एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए, टीम 28 जनवरी को अवैध खनन कार्यों में लगे वाहनों को पकड़ने के लिए इलाके में गई थी।
रात करीब 10 बजे बागपत गांव पहुंचने पर टीम ने पाया कि मौसमी नदी के किनारे मिट्टी खोदने वाली मशीन का इस्तेमाल करके एक टिपर पर अवैध रूप से खनन किए गए खनिज लोड किए जा रहे थे। अधिकारियों ने टिपर और मिट्टी खोदने वाली मशीन को रोक लिया, लेकिन चालक खनन कार्यों से संबंधित कोई भी वैध दस्तावेज पेश करने में विफल रहे।
जैसे ही टीम जब्त वाहनों को प्रताप नगर थाने ले जाने लगी, खिजरी गांव के पास अचानक एक अपंजीकृत कार आ गई। कार सवार तीन-चार अज्ञात युवकों ने जबरन अर्थमूविंग मशीन को रुकवा लिया और अधिकारियों पर हमला कर दिया।
हरियाणा प्रवर्तन ब्यूरो, यमुनानगर के एसएचओ श्याम सुंदर ने कहा, “एएसआई वीरेंद्र सिंह और हेड कांस्टेबल भूप सिंह अपने ड्राइवर के साथ मिट्टी हटाने वाली मशीन के अंदर बैठे थे, जब आरोपियों ने जबरन केबिन का दरवाजा खोला, मशीन की चाबियां छीन लीं और उनके साथ गाली-गलौज व मारपीट शुरू कर दी। उन्होंने मिट्टी हटाने वाली मशीन पर भी नियंत्रण करने का प्रयास किया।”
उन्होंने बताया कि एएसआई जरनैल सिंह टिप्पर में थे, जबकि एसआई राजेश कुमार और कांस्टेबल अमनदीप सिंह पुलिस जीप में पीछे चल रहे थे। एएसआई वीरेंद्र सिंह ने तुरंत डायल 112 को सूचना दी और पुलिस की प्रतिक्रिया टीम मौके पर पहुंची। हालांकि, पुलिस टीम को आता देख हमलावर मौके से भाग गए।
एसआई राजेश कुमार की शिकायत के आधार पर 29 जनवरी को प्रताप नगर थाने में खान एवं खनिज (विकास विनियमन) अधिनियम, 1957 की धारा 21(1), भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 121(1), 132, 221 और 303 के तहत मामला दर्ज किया गया।
आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए जांच जारी है।