चंडीगढ़, 16 अप्रैल, 2025: आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने आज विपक्ष के नेता (एलओपी) प्रताप सिंह बाजवा की हालिया विवादास्पद टिप्पणी को संबोधित करने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब में 50 बम प्रवेश कर चुके हैं, जिनमें से 18 पहले ही फट चुके हैं और 32 अभी भी बाकी हैं।
अमन अरोड़ा ने इन बयानों को लापरवाही भरा और राजनीति से प्रेरित बताया, जिसका उद्देश्य पंजाब के लोगों में दहशत पैदा करना है। अरोड़ा ने पुलिस के साथ सहयोग करने के बजाय व्यक्तिगत हमलों का सहारा लेने के लिए बाजवा की भी आलोचना की।
अरोड़ा ने कहा कि यदि ऐसे बयान विश्वसनीय सूचना पर आधारित हों तो कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों से तत्काल सहयोग की आवश्यकता होती है। उन्होंने बाजवा की इस बात के लिए आलोचना की कि उन्होंने अपनी सूचना का स्रोत पंजाब पुलिस और खुफिया अधिकारियों के साथ साझा करने से इंकार कर दिया, जो स्पष्टीकरण के लिए उनसे मिलने आए थे।
अरोड़ा ने कहा, “अगर बाजवा के पास राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित वर्गीकृत जानकारी तक पहुंच है, जो खुफिया एजेंसियों के पास भी नहीं है, तो उनके लिए स्रोत का खुलासा करना अनिवार्य है। हालांकि, वह विरोधाभासी बहाने बनाकर ऐसा करने में विफल रहे हैं।”
अमन अरोड़ा ने बाजवा के असंगत दावों पर प्रकाश डाला, जहां उन्होंने बारी-बारी से अपने बयानों को समाचार पत्रों की रिपोर्टों और अनाम व्यक्तिगत स्रोतों से जोड़ा। अरोड़ा ने कहा, “बिना सबूत के ऐसे निराधार दावे बेहद गैर-जिम्मेदाराना हैं और राजनीतिक नेतृत्व में जनता के विश्वास को कमजोर करते हैं।”
अपने खिलाफ बाजवा की टिप्पणियों पर टिप्पणी करते हुए अमन अरोड़ा ने उन पर राजनीति करने के आरोपों को खारिज कर दिया।
अरोड़ा ने कहा, “मैंने कभी भी व्यक्तिगत हमलों या तुच्छ राजनीति में लिप्त नहीं रहा। मेरे बयान हमेशा पंजाब की सुरक्षा और कल्याण से संबंधित मुद्दों पर आधारित रहे हैं। जब बाजवा ने व्यक्तिगत टिप्पणियों का सहारा लिया, तो यह स्पष्ट था कि वह वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटका रहे थे।”
उन्होंने फिर से कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा सोनिया गांधी को लिखे गए 2014 के पत्र का हवाला दिया, जिसमें प्रताप बाजवा और ड्रग तस्करों और आतंकवादियों के बीच संबंधों का आरोप लगाया गया था। अरोड़ा ने कहा, “बाजवा को यह बताना चाहिए कि उनकी अपनी पार्टी के नेता ने उनके खिलाफ ऐसे आरोप क्यों लगाए।”
अमन अरोड़ा ने खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के आतंकवादी मंजीत सिंह कादियान से जुड़ी 1990-91 और 92 की घटनाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “बाजवा को इस आतंकवादी से पूछताछ के दौरान किए गए खुलासे याद करने चाहिए, जिसमें कांग्रेस के शीर्ष नेताओं और अधिकारियों को निशाना बनाने की साजिश और विस्फोटकों से लदे वाहनों से जुड़े तार शामिल हैं। इन मामलों को एक राष्ट्रीय पत्रिका ने अपनी खोजी कहानियों में कवर किया था और बाजवा को ऐसी घटनाओं से अपने जुड़ाव के बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए।”
अरोड़ा ने मांग की कि अगर बाजवा के पास वाकई कोई विश्वसनीय जानकारी है तो वह पंजाब पुलिस को मुहैया कराएं। अरोड़ा ने कहा, “अगर आपके पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है तो पंजाब के लोगों को गुमराह क्यों कर रहे हैं और अनावश्यक दहशत क्यों फैला रहे हैं? अपनी बेतुकी टिप्पणियों के लिए जनता से माफी मांगें।”
अमन अरोड़ा ने प्रताप सिंह बाजवा को सार्वजनिक बहस के लिए खुली चुनौती दी और उन्हें समय, तारीख और मंच चुनने का विकल्प दिया। उन्होंने कहा, “मैं पांच मिनट के भीतर आपके बयानों के पीछे की सच्चाई को उजागर कर दूंगा।”