हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अत्यधिक प्रयोग से मृदा स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है तथा पर्यावरण भी प्रदूषित हो रहा है।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती अपनाकर किसान मृदा स्वास्थ्य की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं।
हरियाणा कृषि विभाग द्वारा आज अनाज मंडी रादौर में किसानों को प्राकृतिक खेती के बारे में जागरूक करने के लिए आयोजित जिला स्तरीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए राणा ने कहा कि प्राकृतिक रूप से उगाई गई फसलें स्वास्थ्य के लिए अधिक लाभदायक होती हैं तथा बाजार में इनकी कीमत भी अधिक मिलती है।
उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती में किसी भी तरह की खाद का इस्तेमाल नहीं किया जाता, बल्कि फसल उगाने के लिए उसमें बैक्टीरिया का कल्चर डाला जाता है। इस विधि में फसलों में कीटों और बीमारियों का प्रकोप भी बहुत कम होता है।
इस अवसर पर राणा ने कार्यक्रम स्थल पर आयोजित कृषि उपकरणों से संबंधित प्रदर्शनी का अवलोकन किया तथा क्षेत्र के प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया। कार्यशाला में पहुंचने पर उप कृषि निदेशक, यमुनानगर डॉ. आदित्य प्रताप डबास ने पुष्पगुच्छ व स्मृति चिन्ह भेंट कर मंत्री का स्वागत किया।
उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित होने के लिए किसानों का आभार व्यक्त किया तथा विभाग द्वारा उनके लिए चलाई जा रही योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी तथा उन्हें प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम में पद्मश्री से सम्मानित कृषि विशेषज्ञ डॉ. हरिओम ने कहा कि गुरुकुल कुरुक्षेत्र में प्राकृतिक खेती अपनाकर फसलें उगाई जाती हैं। डॉ. हरिओम ने कहा, “केंचुओं की संख्या और बैक्टीरिया की मात्रा और गुणवत्ता खेत की मजबूती का संकेत है। अगर बैक्टीरिया और केंचुए बढ़ेंगे तो खेत का ऑर्गेनिक कार्बन अपने आप बढ़ जाएगा।”
कार्यक्रम का संचालन डीआईपीआर, यमुनानगर डॉ. मनोज कुमार ने किया।
इस अवसर पर भाजपा के जिला अध्यक्ष राजेश सपरा, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वीरेंद्र सिंह ढुल, जिला बागवानी अधिकारी डॉ. कृष्ण कुमार, कृषि विशेषज्ञ एवं वैज्ञानिक डॉ. संदीप रावल, डॉ. आशिमा खान, सरदार बेअंत सिंह सहित अन्य भाजपा पदाधिकारी, कार्यकर्ता व बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।